बिहार में हिंसक हुआ `अग्निपथ`, सड़कों पर दिखा युवाओं का आक्रोश
Bihar Agneepath:राज्य के अलग-अलग जिलों में अग्निपथ स्कीम को लेकर छात्रों का प्रदर्शन अब हिंसक रूप में बदल गया है. प्रदर्शनकारी छात्रों ने कई जगहों पर बसों में तोड़फोड़ की.
पटना: Bihar Agneepath: सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का बिहार के कई जिलों में विरोध लगातार दूसरे दिन जारी है. राज्य के अलग-अलग जिलों में अग्निपथ स्कीम को लेकर छात्रों का प्रदर्शन अब हिंसक रूप में बदल गया है. प्रदर्शनकारी छात्रों ने कई जगहों पर बसों में तोड़फोड़ की तो कई स्थानों पर बस की बोगियों में आग लगा दी गई.
सड़क पर उतरे छात्र
इतना ही नहीं, छात्रों ने प्रदर्शन के दौरान सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और टायरों में आग लगा दी. कैमूर के भभुआ रोड रेलवे स्टेशन पर भभुआ पटना इंटरसिटी ट्रेन में आगजनी की गई. इस दौरान छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. छपरा शहर में भी प्रदर्शन और हंगामा किया गया. इस दौरान कई दुकानों में तोड़फोड़ की गई.
ट्रेनों में लगाई आग
छपरा रेलवे स्टेशन पर भी छात्रों ने कई ट्रेनों में आग लगाई और तोड़फोड़ किया. वहीं, आरा के रेलवे स्टेशन पर आज उस वक्त अफरातफरी का माहौल हो गया, जब हजारों की संख्या में सेना में अग्निपथ बहाली को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने जमकर पत्थरबाजी और हंगामा शुरू कर दिया. भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने आरा पटना मेन लाइन को जाम कर दिया है. वही रेल प्रशासन ने सभी ट्रेनों को रोक दिया. हंगामा कर रहे हैं छात्रों ने रेलवे स्टेशन के कई दुकानों को अपना निशाना बनाया है. वही रेल ट्रैक पर भी आगजनी कर अपना विरोध जताया है.
बिहार के कई जिलों में प्रदर्शन
इसके अलावा छपरा, सहरसा, सीतामढ़ी और बेगूसराय में भी छात्रों ने जमकर हंगामा काटा और आगजनी, तोड़फोड़ की. इस दौरान छात्रों के उत्पात को देखते हुए पुलिस ने जमकर लाठियां चलाई. बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अग्निपथ योजना की घोषणा करने के अगले ही दिन, यानी बुधवार को जगह-जगह प्रदर्शन शुरू हो गया.
दरअसल, केंद्र सरकार ने 14 जून को सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की है. इस स्कीम के तहत नौजवानों को 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी. माना जा रहा है कि सरकार ने यह कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है.