Bihar: RCP सिंह को JDU का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की उठी मांग, मुकेश सिंह ने कही ये बड़ी बात
बिहार में हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में JDUने अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को टिकट नहीं दिया था. जिस वजह से उनके समर्थकों को गहरा झटका लगा है.
Patna: बिहार में हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में JDUने अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को टिकट नहीं दिया था. जिस वजह से उनके समर्थकों को गहरा झटका लगा है. इसी कड़ी में JDU नेता मुकेश सिंह ने कामदेव बिगहा अपने निजी आवास पर प्रेसवार्ता कर बताया कि जेडीयू के ज्यादातर कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं कि पार्टी अपने एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत का पालन करें. ललन सिंह संसदीय दल का नेता रहे तो फिर आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान दी जाए.
आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार को बताया अपना नेता
इससे पहले आरसीपी सिंह (RCP Singh) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त किया था और कहा कि सीएम ने हमारे पक्ष में फैसला लिया है. उन्होंने नीतीश कुमार को अपना नेता बताते हुए कहा कि वो (नीतीश) जब बुलाएंगे, तब आऊंगा. संगठन में कुछ पद नहीं मिलेगा तो साधारण कार्यकर्ता की तरह काम करूंगा. जदयू (JDU) में बूथ तक हमने पार्टी खड़ी की हुई है.
केंद्र में मंत्री बनें रहेंगे आरसीपी सिंह!
वहीं, नीतीश के प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर सिंह ने कहा कि दिक्कत यहीं पर है, पीएम बनने के लिए 273 सीट की जरूरत होती है. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि अब वो संसद के सदस्य नहीं है तो मंत्री पद पर कैसे रहेंगे तो इस पर उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली जाकर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से बात करूंगा. मंत्री बनाना पीएम का विशेषाधिकार होता है. पीएम से क्या बात होगी, अभी से इस पर क्या कहें. हालांकि, सूत्रों की मानें तो अभी 6 महीने तक आरसीपी सिंह मंत्री पद पर बनें रहेंगे.
इशारों में ललन सिंह पर किया हमला
इस दौरान आरसीपी सिंह ने बिना नाम लिए जदयू चीफ ललन सिंह (Lalan Singh) पर हमला किया. आरसीपी सिंह ने कहा, 'संगठन को कम करने की जगह बढ़ाना चाहिए था. हम मुख रूप से संगठन के आदमी हैं, आगे संगठन के लिए काम करेंगे. अब हमारे पास और समय रहेगा, इसको लेकर अगले कुछ दिन में प्रदेश अध्यक्ष से बात करूंगा.'
'मेरे किसी से कोई विरोध नहीं'
उन्होंने कहा, 'संगठन में बड़ी ताकत है, अब संगठन में काम करना है. हमने 33 प्रकोष्ठ बनाए थे, अब 12 कर दिए गए हैं. मैं कहना चाहता हूं- 33 को 53 करिए, घटाते क्यों हो. हमारा किसी से किसी तरह का विरोध नहीं है.'