पटनाः देशभर में आबादी की दृष्टि से तीसरे सबसे बड़े राज्य होने के बावजूद बिहार में ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा लोगों को 'हर घर नल का जल' योजना का लाभ मिल रहा है. बिहार के ग्रामीणों को सबसे बड़ी संख्या में 'नल का जल' मिल रहा है. बिहार के 'नल से जल' पानेवालों के आंकड़ों पर गौर करें तो यह संख्या 1 करोड़ 57 लाख से ज्यादा है. ये ऐसे लोग हैं जो ग्रामीण इलाके में रहते हैं. 


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ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा लोगों को मिल रहा 'नल का जल'
बिहार आबादी की दृष्टि से देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है लेकिन 'नल का जल' मुहैया कराने के मामले में प्रदेश नंबर वन पर है. बिहार के ग्रामीण इलाकों में 1 करोड़ 57 लाख से ज्यादा घरों में नल से जल की सुविधा मिल रही है. जो देश के दो बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की तुलना में काफी अधिक है. इस मामले में महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है


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बिहार में बड़ा है योजना का लक्ष्य 
केन्द्र सरकार के द्वारा जारी कि गए आंकड़ों की मानें तो बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में एक करोड़ 72 लाख 20 हजार से अधिक परिवारों को नल-जल का कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना है. जबकि इस लक्ष्य का 91.11 प्रतिशत हासिल कर लिया गया है. महाराष्ट्र में भी एक करोड़ 46 लाख ग्रामीण परिवारों को नल-जल का कनेक्शन मिलना है, जिसमें से 70.88 प्रतिशत लोगों को यह उपलब्ध कराया जा सका है. 


भारत सरकार के जारी आंकड़ों से हुई पुष्टि 
भारत सरकार के जल जीवन मिशन-हर घर जल योजना के तहत जारी आंकड़ों की मानें तो बिहार इस मामले में अव्वल है, जबकि दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र है. शुद्ध नल जल की सुविधा प्राप्त घरों की संख्या बिहार में सार्वाधिक है. 


बिहार में 2016 में इस योजना की हुई थी शुरुआत 
भारत सरकार की तरफ से 2019 में 'हर घर नल का जल' योजना की शुरुआत जल जीवन मिशन के तहत की गई जबकि बिहार में यह योजना बिहार के पंचायती राज और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के द्वारा वर्ष 2016 में ही शुरू कर दी गई थी. बिहार में कई ग्रामीण परिवारों को आधार नंबर के बिना यह कनेक्शन दिया गया है जबकि केंद्र सरकार के पोर्टल पर उन्हीं लोगों का आंकड़ा मौजूद है जिनके आधार नंबर पर उन्हें यह लाभ मिला है. ऐसे में बिहार सरकार और केंद्र सरकार के आंकड़ों में काफी बड़ा अंतर है फिर भी बिहार नल का जल ग्रामीण इलाकों में मुहैया कराने के मामले में नंबर वन है.