Patna: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey) ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए बच्चों के लिए बिहार में करीब 1516 कोविड डेडिकेटेड बेड बनाए जाएंगे. इस संदर्भ में केंद्र सरकार (Central government) ने राज्य सरकार (State government) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. 


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केंद्र ने दी राज्य की मंजूरी
केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद राज्य स्वास्थ्य समिति ने बीएमआईसीएल को निविदा निकाल आगे की कार्रवाई करने को कहा है, ताकि तय समय पर राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में बेड अधिष्ठापित हो सके. अगले मार्च माह तक कार्य के पूर्ण होने की संभावना है.
 


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वहीं, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना पीड़ित बच्चों को त्वरित एवं बेहतर इलाज उपलब्ध हो सके. इसे ध्यान में रख कर बेड की व्यवस्था की जा रही है. राज्य के सभी जिलों में कोविड डेडिकेटेड बेड लग जाने से आपात स्थिति में कोरोना से ग्रामीण क्षेत्रों के पीड़ित बच्चों का इलाज अपने नजदीकी जिलों में संभव हो सकेगा और आर्थिक बोझ से भी मुक्ति मिलेगी. 
                                                                                                                                                                      
राज्य में आवश्यक तैयारियां पूरी 
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के निर्देश पर कोरोना (corona) की रोकथाम और संभावित तीसरी लहर से सामना करने लिए राज्य में सभी आवश्यक तैयारियां पुख्ता करने का निर्देश दिया है, ताकि सही समय पर स्थितियों से निपटा जा सके. इसके लिए हर स्तर पर प्रयास जारी है.  


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राज्य में 1516 बेड
उन्होंने आगे कहा कि 30 जिलों में 42-42 बेड और 8 जिलों में 32-32 बेड की व्यवस्था की जाएगी. कुल 1516 बेड में 456 हाइब्रिड आईसीयू बेड होंगे एवं 1060 ऑक्सीजनयुक्त बेड रहेंगे. इनमें कुछ बेड हाई डिपेंडेंसी होंगे. विभाग संभावित तीसरी लहर के अलावे राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर प्रखंड, अनुमंडल और सदर अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेजों में संसाधनों को बढ़ाने का लगातार कार्य कर रहा है.