Darbhanga: बिहार में इस बार बाढ़ से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. पिछले सालों की बारिश और बाढ़ के डाटा का विश्लेषण किया जा रहा है. उसके आधार पर बाढ़ से निपटने के लिए इंजीनियरों को तैनात किया जा रहा है. साथ ही तटबंधों और बाढ़ प्रभावित स्थलों की निगरानी ड्रोन से की जा रही है. यह जानकारी बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने दी है.


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नदियों का जलस्तर बढ़ा
दरअसल, उत्तर बिहार में बाढ़ ने दस्तक दे दी है. मिथिला, कोसी और सीमांचल के कई जिलों में नदियों में लगातार पानी बढ़ रहा है. दरभंगा जिले में बागमती, कोसी, कमला और कमला बलान नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. शहर में बागमती नदी के किनारे कटाव शुरू हो गया है, जिसकी वजह से लोग काफी डरे हुए हैं. इसको लेकर दरभंगा जिला प्रशासन ने भी बाढ़ से सुरक्षा और बाढ़ के दौरान बचाव और राहत कार्य चलाने के लिए तैयारी करने का दावा किया है. तटबंधों पर बाढ़ रोकथाम  के काम किए जा रहे हैं.  


20-25 लाख लोगों की आबादी बाढ़ से प्रभावित
निगरानी के लिए हर तटबंध पर चौकीदारों को तैनात किया गया है. जिले में बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर दी गई है. पिछले साल आई भीषण बाढ़ से दरभंगा के 18 में से 15 प्रखंड प्रभावित हुए थे. इस दौरान 20-25 लाख लोगों की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई थी और बड़े पैमाने पर लोगों के घर नष्ट हो गए थे. इसके अलावा पिछले साल बाढ़ के कारण जिले में 90 फीसदी फसल नष्ट हो गई थी. वहीं, बाढ़ में लगभग 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. 


बाढ़ के चलते फसलों को हो रहा नुकसान
इस समस्या को लेकर लोगों का कहना है कि बागमती नदी में पानी बढ़ने और भारी बारिश के कारण नदी के किनारों का कटाव शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि बढ़ते जलस्तर और कटाव की ओर किसी का ध्यान नहीं है. लोगों का कहना है कि कई बार नगर निगम से इसको लेकर शिकायत की गई है. हर साल बाढ़ की वजह से उन लोगों को मदरसा और दूसरी ऊंची जगहों पर एक-डेढ़ महीना तक जाकर शरण लेनी पड़ती है. इसके अलावा लोगों की फसलों को भी नुकसान पहुंचता है. जो कि हर साल बाढ़ के कारण बर्बाद हो जाती हैं. 


तटबंधों की मरम्मत की गई
बाढ़ की तैयारियों को लेकर दरभंगा डीएम राजीव रौशन ने कहा कि जल संसाधन विभाग के साथ मिलकर कमजोर तटबंधों की मरम्मत की गई है. उन्होंने कहा कि तटबंधों की निगरानी के लिए चौकीदारों की तैनाती की गई है. डीएम ने कहा कि बाढ़ से बचाव और राहत कार्य के लिए टेंडर करके रखा गया है. जितनी राशि की जरूरत पड़ेगी खर्च की जाएगी. उन्होंने कहा कि जिले में बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना भी कर दी गई है. लगातार बाढ़ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की जा रही है.


ड्रोन से तटबंधों की निगरानी की जाएगी
वहीं, बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए अब आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले सालों की बारिश और बाढ़ के डाटा को इकठ्ठा किया जा रहा है. इसका विश्लेषण कर उसके आधार पर बाढ़ से निपटने की रणनीति बनाई जा रही है. इसी के अनुसार इंजीनियरों को तैनात किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ड्रोन से तटबंधों की निगरानी की जाएगी और बाढ़ वाले स्थानों पर नजर रखी जाएगी. मंत्री संजय झा ने कहा कि पानी को रोक पाना संभव नहीं है लेकिन उसका बेहतर मैनेजमेंट करके बाढ़ से काफी हद तक निपटा जा सकता है.


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