Seharsa: हिमाचल आने वाली कोसी नदी बिहार के लोगों के लिए महज एक अभिशाप के बराबर है. बिहार में हर साल बाढ़ आती है जिसके कारण लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हालांकि इस बार कोसी नदी का जलस्तर अन्य वर्ष के मुताबिक बहुत ही कम दिखाई दे रहा है. इधर प्रशासन ने भी बाढ़ से राहत के लिए पूरे इंतजाम कर रखे है, अगर बाढ़ आती है तो प्रशासन उससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.


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जलस्तर में आई कमी
सहरसा जिले से निकलने वाली कोसी नदी इन दिनों पूरी तरह से शांत दिखाई दे रही है, हर साल जून और जुलाई के महीने में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ रहता है, लेकिन इस बार कोसी नदी का जलस्तर काफी कम दिखाई पड़ रहा है. सहरसा के नवहट्टा प्रखंड क्षेत्र के पूर्वा कोसी तटबंध के अंदर जहां कोसी नदी अपने किनारों को छोड़ कर पूरे शहर में बहने लगती है. इस बार वहां का जलस्तर कम होने के कारण कोसी सिमट कर बीच की धारा में पहुंच गई है. 


पानी में फस जाती है नाव
हालांकि कोसी तटबंध के भीतर बसे लोगों की परेशानियां अभी भी कम नहीं हुई है. कोसी तटबंध के भीतर कई गांव बसे हैं. जहां पर लोगों के आवागमन का एकमात्र साधन नाव है. अक्सर लोगों को नाव के फस जाने का डर बना रहता है. पानी में फसने पर यात्रियों से भरी नाव को धक्का देकर किनारे लगाना पड़ता है. 


जलस्तर बढ़ने से बढ़ेगा बाढ़ का खतरा
फिलहाल कोसी नदी का जलस्तर काफी कम है जिसके कारण लोगों को थोड़ी राहत है. हालांकि किसी को नहीं पता कब और किस समय कोसी नदी का जलस्तर बढ़ जाए. क्योंकि कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा भी बढ़ जाएगा. 


हर साल बाढ़ आने के कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. साथ ही बाढ़ के कारण लोगों को अपनी जान भी गवानी पड़ती है. बाढ़ के दौरान लोगों को अपने घरों को छोड़ता पड़ता है. इसके अलावा खाने पीने से लेकर रहने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. 


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