पटनाः दो दिवसीय कांग्रेस के चिंतन शिविर में आरजेडी को लेकर कांग्रेसियों में मतभेद दिख रहा है. साफ तौर पर कई प्रस्ताव आरजेडी को लेकर लाए गए हैं. इस पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस के चिंतन शिविर में आरजेडी को लेकर फैसला करने के प्रस्ताव लाने पर बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन का बयान आया है. उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव किसको देंगे? अपने शीर्ष नेतृत्व को. शीर्ष नेतृत्व ही सहमति देता है कि लालू यादव के इर्द-गिर्द काम करना है. कांग्रेस लालू यादव और आरजेडी की बैसाखी से चलती है. लालू यादव के पास नतमस्तक होना पड़े या तेजस्वी यादव के पास नतमस्तक होना पड़े कांग्रेस ऐसे ही चलेगी. कांग्रेसी कितना भी चिंतन करें उनको मालूम है कि मेरा नेतृत्व कौन सी दिशा देगा. उन्होंने कहा कि घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें हिम्मत है तो सिर्फ नेतृत्व को चुनौती दें. 


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JDU ने भी की टिप्पणी
वहीं,  JDU के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि कांग्रेस के प्रस्ताव से यह साफ दिखता है कि यह लोग कितने कंफ्यूज हैं और इनकी स्थिति कितनी दयनीय हो चुकी है. इनकी रीढ़ की हड्डी गायब हो चुकी है. एक तरफ राष्ट्रीय पार्टी होने की बात करते हैं और दूसरी तरफ आरजेडी के पिछलगु बने हुए हैं. अगर इन में दम होता तो यह लोग अपना स्टैंड लेते और राजद के पिछलग्गू नहीं बने फिरते. वहीं आरजेडी के प्रवक्ता सारिका पासवान ने कहा कि यह कांग्रेस का आंतरिक मैटर है. अगर उनके नेता ऐसी बात कर रहे हैं तो अपने शीर्ष नेतृत्व से बात करनी चाहिए. कांग्रेस महागठबंधन का हिस्सा है आरजेडी ने कांग्रेस को काफी सम्मान दिया है और इस सम्मान स्वरूप 70 सीट आरजेडी ने कांग्रेस को दिया. यह अलग बात है कि वह 20 का आंकड़ा तक नहीं छू पाए हैं. कांग्रेस में आंतरिक कलह है. इसका जबाब कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ही देगा. 


चिंतन शिविर के बाद स्थिति होगी क्लियर: कांग्रेस
अलग अलग राजनीतिक पार्टियों के द्वारा कांग्रेस पर दिए गए बयान को लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा चिंतन शिविर आज गुरुवार को भी चल रहा है शाम के बाद सबको पता चलेगा कि क्या निर्णय हुआ, लेकिन बीजेपी को कांग्रेस पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है. अगर कांग्रेस आरजेडी के साथ रहा तो निश्चित तौर पर कांग्रेस से आरजेडी की संख्या अधिक थी, लेकिन बीजेपी नीतीश कुमार के पिछलग्गू के अलावा कुछ नहीं हैं, आज भी कम सीट के साथ नीतीश कुमार आगे हैं और अधिक सीट के साथ बीजेपी पीछे पीछे चल रही है. 


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