Durga Puja Visarjan Guidelines: पटना में इस विधि से ही होगा विसर्जन, जानिए प्रशासन ने क्या बनाए नियम
Durga Puja Visarjan Guidelines: पटना में इस बार दुर्गा पूजा में मूर्तियों का विसर्जन नदी में नहीं होगा. विसर्जन के लिए पटना के शहरी क्षेत्र में 11 कृत्रिम तालाब या पहले से बनाए गए तालाबों में ही विसर्जन किया जाना तय किया गया है. इनमें पांच पटना सदर अनुमंडल में और छह पटना सिटी अनुमंडल में हैं.
पटना: Durga Puja Visarjan Guidelines: नौ दिनों के विशेष पर्व नवरात्रि का समापन अब होने ही वाला है. गुरुवार देवी की नवमी पूजा की जा रही है. अब शुक्रवार को देवी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा. पारंपरिक तौर पर लोग प्रतिमाओं का विसर्जन नदियों में करते आए हैं, लेकिन इससे बढ़ते जल प्रदूषण को देखते हुए अब नए और बचाव युक्त तरीकों से प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा है.
इसके लिए प्रशासन की ओर से भी Guidelines जारी की गई हैं.
तालाबों में होगा विसर्जन
पटना में इस बार दुर्गा पूजा में मूर्तियों का विसर्जन नदी में नहीं होगा. विसर्जन के लिए पटना के शहरी क्षेत्र में 11 कृत्रिम तालाब या पहले से बनाए गए तालाबों में ही विसर्जन किया जाना तय किया गया है. इनमें पांच पटना सदर अनुमंडल में और छह पटना सिटी अनुमंडल में हैं. जानकारी के मुताबिक, पटना सदर अनुमंडल के जिन पांच तालाबों में मूर्ति का विसर्जन होगा, उनमें तीन दीघा क्षेत्र में बनाये गए हैं. इस बार यहां एक तालाब को बढ़ाया गया है.
पटना शहरी क्षेत्र की ज्यादातर मूर्तियों का विसर्जन दीघा क्षेत्र में ही होता है.साथ ही शहरी क्षेत्र के दो अन्य तालाबों में फुलवारीशरीफ प्रखंड कार्यालय से सटे तालाब और अनिसाबाद स्थित माणिकचंद तालाब हैं.
नदियों में विसर्जन पर पूरी तरह रोक
पटना सिटी अनुमंडल में जिन तालाबों में मूर्तियों का विसर्जन होगा, उनमें गायघाट, भद्र घाट, कंगन घाट, लॉ कॉलेज घाट, खाजेकलां घाट और किला घाट पर बनाये गये कृत्रिम तालाब हैं. इस इलाके की सभी मूर्तियों का विसर्जन इन्हीं तालाबों में होगा. नदियों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए उनमें मूर्ति विसर्जन पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है.
जिला प्रशासन के निर्देश पर पटना नगर निगम की ओर से कृत्रिम तालाबों का निर्माण कराया गया है. जिला प्रशासन ने आदेश में कहा है कि विसर्जन के दौरान कम से कम व्यक्ति ही निर्धारित विसर्जन स्थल तक जा सकेंगे. विसर्जन कृत्रिम तालाबों में ही होगा. संख्या का निर्धारण लाइसेंस में स्पष्ट रूप से किया जाएगा.