Katihar: कटिहार के किसानों को अब मौसमी फसलों और पारंपरिक खेती से अलग हटकर मछली पालन करने का सीधा लाभ मिलने लगा है. उनके इस नए व्यवसाय में सरकार भी साथ खड़ी दिख रही है. पहले यहां के किसान छोटे स्तर पर गांव के तालाबों में मछली पालन किया करते थे और आस-पास के बाजारों में ही उनकी मछली बिक जाया करती थी. हालांकि परिवहन की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां के किसान कटिहार से बाहर अपनी मछली ले जाकर नहीं बेच पाते थे. जिसके बाद डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और ग्रामीण कार्य मंत्री श्रवण कुमार के प्रयासों से अब किसानों को फायदा मिल रहा है. 


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16 प्रखंड से चिन्हित 23 कृषकों के बीच वाहन का वितरण


कटिहार के विकास भवन में प्रदेश के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और ग्रामीण कार्य मंत्री श्रवण कुमार की मौजूदगी में जिले के 16 प्रखंड से चिन्हित 23 कृषकों के बीच दो पहिया और चार पहिया वाहनों का वितरण किया गया. अपने व्यवसाय के लिए गाड़ी की चाबी लेते हुए किसान काफी खुश दिखे. खास बात ये कि किसानों को जो वाहन दिए गए हैं वो 90 फीसदी अनुदान पर दिए गए हैं. जिसका मतलब है कि उन्हें इस गाड़ी की खरीद पर आई लागत का दस प्रतिशत ही वापस चुकाना है और फिर वो गाड़ी के मालिक बन जाएंगे. 


मछली पालकों की 'उड़ान को लगे पंख' 


सरकार के सहयोग के बाद अब उनकी उड़ान को पंख लग गए हैं और अब वो ना सिर्फ कटिहार जिले से बाहर बल्की दूसरे प्रदेशों में भी अपनी मेहनत की कमाई को खपाने में सक्षम हैं. सीएम मत्स्य योजना के तहत कृषकों की जो मदद की गई है उससे उनकी आर्थिक आमदनी बढ़ने के साथ ही मुनाफा भी कई गुना बढ़ जाएगा. खास बात ये है कि जो किसान पहले केवर तालाब में ही मछली पालन कर पाते थे, वो अब सरकार की योजनाओं के कारण और उत्साहित हुए हैं, अब यहां के किसान जलजमाव और निचले क्षेत्र में भी मछली पालन शुरू कर चुके हैं. वहीं बेहतर किसानी के कारण कई गावों की तस्वीर बदल गई है. सरकार की महत्वाकांक्षी मत्स्य योजना से किसान लाभान्वित हो रहे हैं.


'वाहन उपलब्ध करा रहा है विभाग'


कटिहार के जिला मत्स्य पदाधिकारी अनिल कुमार पोद्दार बताते हैं कि 'मत्स्य पालन में इस जिला में एक बहुत बड़ा बदलाव आया है, प्रोडक्शन भी बढ़ा है. जब प्रोडक्शन बढ़ा है तो प्रोडक्शन को बेचने के लिए भी गाड़ी की आवश्यकता होती है जिसे हम लोग मुहैया कराते हैं. विभाग के द्वारा गाड़ी से जिंदा मछली भी बेचने ले जाते हैं और जब मछली मर जाती है उसको प्रिजर्व करने के लिए आइस बॉक्स में डाल देते हैं और दूर-दूर तक ले जाकर उसकी डिलीवरी देते हैं. वहीं, बड़ी मछली को मार्केट में पहुंचाने के लिए, फोर व्हीलर और थ्री व्हीलर का उपयोग किया जाता है. अभी तक 23 लोगों को वाहन दिए गए हैं.'


'वाहन के जरिए दूर के बाजार तक व्यवसाय का मिलेगा मौका' 


 मछली पालन करने वाले किसान कैलाश पासवान का कहना है कि 'विभाग के द्वारा हम लोगों को 90 परसेंट तक अनुदान मिला है, जिससे हमलोग गांव में छोटे-छोटे तालाब में मछली का धंधा करते थे, आज हमको गाड़ी मिली है जिससे एक राज्य से दूसरे राज्य तक व्यवसाय करने में इससे सहायता मिलती है.' कटिहार के वो सभी मछली उत्पादक किसान मुख्यमंत्री को धन्यवाद दे रहे हैं जिनको सीएम मत्स्य योजना का लाभ मिल रहा है.
 
'मत्स्य किसानों की आमदनी बढ़ने से सुधर रहे हैं आर्थिक हालात' 


बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद का कहना है कि 'विकास योजना के अंतर्गत 23 लाभार्थियों को मोटर वाहन दिए गए हैं. जिससे कि मछली का विपणन वह बेहतर ढंग से कर सकें. यह सरकार की महत्वकांक्षी योजना है, जिससे हमारे मत्स्य पर आधारित समाज को लाभ मिल रहा है. उनकी आमदनी बढ़ रही है और वो जीवन को बेहतर बना रहे हैं.'


वहीं बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार कहते हैं कि राज्य में लगातार एनडीए की सरकार में विकास हो रहा है, आज आपने देखा कि मत्स्यजीवी सहयोग समिति से जुड़े हुए लोगों को वाहन भी उपलब्ध कराया गया है. जो कि 90 फ़ीसदी अनुदानित दर पर दिया गया है.


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