Kaimur: बिहार में जल्द ही जातीय जनगणना शुरू की जाएगी. सरकार के द्वारा इसको लेकर मंजूरी दी जा चुकी है. जातीय जनगणना को मंजूरी मिलने के बाद बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री इस संबंध में कैमूर जिला पहुंचे हैं. जातीय जनगणना पर उन्होंने नीतीश सरकार का शुक्रिया किया है. 


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जातीय जनगणना से होगा लोगों को फायदा
बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान कैमूर जिले के भभुआ शहर में मुख्यमंत्री के लिए आभार यात्रा निकाली है. बैंड बाजे के साथ दर्जनों जदयू कार्यकर्ता हाथों में जदयू के झंडा और नीतीश कुमार के प्रति आभार प्रकट करने वाले स्लोगन तख्तियां पर लिए पूरे शहर में मार्च कर रहे हैं. लगभग 500 करोड रुपए के खर्चे से बिहार में जातीय जनगणना की जाएगी. मंत्री का कहना है कि जनगणना हो जाने पर इससे सभी लोगों को फायदा पहुंचेगा.  


1931 के बाद होगी जातीय जनगणना
जानकारी देते हुए बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमाल खान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जातीय जनगणना के संबंध में शुक्रिया अदा किया. उन्होंने जातीय जनगणना कराने का निर्णय बहुत बेहतर है. पूरे बिहार के अंदर हर जिले में मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया जा रहा है. 1931 के बाद जातीय जनगणना बिहार में होने जा रही है. कल्याण मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह पहले से सोच रखा था. साथ ही इसको लेकर जल्द ही मीटिंग की जाने की बात कही ताकि गरीब लोगों का विकास हो सके. जातीय जनगणना के लिए कैबिनेट पास हो चुका है. 


500 करोड़ का बजट 
नीतीश सरकार ने 500 करोड़ का बजट बनाया है. जिसके आधार पर जातीय जनगणना की जाएगी. मंत्री ने कहा कि नीतिश सरकार सभी वर्गों को लेकर सोचती है. गरीबों के आंकडे निकालकर आर्थिक स्थिति का विकास किया जाएगा. उन्होंने कहा जिस प्रकार कि बिहार की जनसंख्या है उस हिसाब से जातीय जनगणना में थोड़ा समय लगेगा. जातीय जनगणना की शुरूआत की जा चुकी है. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि सभी की मांग है कि पूरे देश में जातीय जनगणना होनी चाहिए ताकि हर समाज का विकास हो सके.


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