Patna: भारतीय सेना आज अपना 74वां स्थापना दिवस मना रही है. भारतीय सेना द्वार हर साल 15 जनवरी के दिन भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है. इसी कड़ी में अब आज हम आप को बिहार के सैनिकों का इतिहास बताएंगे, जो काफी पुराना एवं प्रेरणादायक रहा है. 


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1945 को हुई थी स्थापना


बिहार रेजिमेंट (Bihar Regiment)  की स्थापना एक नवंबर 1945 को आगरा में लेफ्टीनेंट कर्नल आरसी म्यूरलर ने की थी. जिसके बाद बिहार रेजिमेंट ने लगातार देश की सेवा की है. 15 सितंबर 1941 को अंग्रेजी सेना के मेजर जे. आरएच ट्वीड (मेडल आफ ब्रिटिश एक्सीलेंस मिलिट्री क्रास) के द्वारा प्रथम बिहार बटालियन का गठन किया गया था. इस दौरान रेजिमेंट केंद्र की स्‍थापना उत्‍तर प्रदेश के आगरा में हुई थी. हालांकि इसके बाद इसे बिहार के गया और फिर 1949 में गया से दानापुर स्थानांतरित कर दिया गया था. 


द्वितीय विश्‍व युद्ध में भी लिया था हिस्सा 


भारतीय इतिहास में बिहार रेजिमेंट के योद्धाओं की बहादुरी, वीरता के किस्से स्वर्णिम अक्षरों से लिखे गए हैं. बिहार रेजिमेंट के योद्धाओं ने द्वितीय विश्व युद्ध, 1971 के बांग्लादेश की आजादी में अपनी वीरता का परचम लहराया है. इसके अलावा सोमालिया में सयुंक्त राष्ट्र को शांति सेना के रूप में जवानों ने अपना शौर्य दिखाया है. 


कारगिल में भी दिखाया था दम 


1999 में कारगिल में बिहार रेजिमेंट के जवानों ने अदम्य साहस व वीरता को दिखाते हुए पाक सैनिकों को घुटनों पर ला लिया था. हालांकि इस दौरान एक मेजर समेत 19 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे. उरी सेक्टर में वर्ष 2016 में घुसपैठियों और आतंकवादियों से लोहा लेते हुए 15 जांबाज वीरगति को प्राप्त हुए थे. 


वहीं, गलवान गलवान में 17 जून 2020 को बिहार रेजीमेंट के जवानों ने विपरीत परिस्थितियों में अदम्य साहस व वीरता का परिचय देते चीनी सेना के छक्के छुड़ा दिए थे. हालांकि इस दौरान कई जवानों ने अपना बलिदान भी दिया था. 


कई बार मिला है सम्मान 


बिहार रेजिमेंट को अब तक तीन अशोक चक्र, तीन महावीर चक्र, छह परम विशिष्ट सेवा मेडल, 13 कीर्ति चक्र, 16 वीर चक्र और 47 शौर्य चक्र, 11 अति विशिष्ट सेवा मेडल, सात युद्ध सेवा मेडल, 191 सेना मेडल, 38 विशिष्ट सेवा मेडल, तीन जीवन रक्षक पदक, चार सीडीएस प्रशस्ति पत्र, 434 सीओएएस प्रशस्ति पत्र और 471 जीआसी इन सी प्रशस्ति पत्र आदि से सम्मानित किया जा चुका है.