Ranchi: रांची में बीते शुक्रवार को हुई हिंसा और बवाल के बाद हालात अब सामान्य होने लगे हैं. 36 घंटे बाद रविवार सुबह से इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गयी है. मेन रोड को छोड़ शहर के ज्यादातर इलाकों में दुकानें खुल गयी हैं. एहतियात के तौर पर रांची के 12 थाना क्षेत्रों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी रखी गयी है. राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए दोसदस्यीय उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के आपत्तिजनक बयान के विरोध में शुक्रवार दोपहर मेन रोड में प्रदर्शन करने उमड़े लोग अचानक उग्र होकर पथराव करने लगे थे. हालात नियंत्रित न होने पर पुलिस ने लाठीचार्ज के बाद गोलियां चलायी थीं. बवाल में पुलिसकर्मियों सहित दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इनमें से तीन लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गयी. दो और की हालत गंभीर बतायी जा रही है. घटना के विरोध में शनिवार को पूरे दिन रांची बंद रही.


तोड़फोड़ और हिंसा को लेकर रांची के चार थाना क्षेत्रों में कुल नौ एफआईआर दर्ज की गयी है. इनमें चार एफआईआर पुलिस की तरफ से और पांच एफआईआर आम लोगों की ओर से दर्ज हुई है. सांप्रदायिक सौहाद्र्र बिगाड़ने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ करने के आरोपों में पुलिस की ओर से दर्ज करायी गयी एफआईआर में 26 नामजद और साढ़े दस हजार अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है.


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लोगों से संयम बरतने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है. उनके आदेश पर सरकार की ओर से बनायी गयी दो सदस्यीय जांच समिति में वरिष्ठ आईएएस अमिताभ कौशल और एडीजी संजय लाटकर शामिल हैं. समिति को एक हफ्ते में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.


झारखंड के आईजी अभियान अमोल वी. होमकर ने बताया कि घटना के बाद कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी है. इसके अलावा सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से हुई रिकॉडिर्ंग के आधार पर उपद्रवी तत्वों की शिनाख्त की जा रही है.


(इनपुट: आईएएनएस)