Muzaffarpur: प्रखंड में इन दिनों मनरेगा का काम मजदूरों के बदले मशीनों से कराया जा रहा है. यहां मनरेगा योजना के तहत जिला परिषद द्वारा खाड़ सफाई का काम चल रहा है. जहां पर मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. जेसीबी मशीन के जरिए खुदाई कराई जा रही है. जिसके कारण मजदूरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 


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जेसीबी का हो रहा इस्तेमाल
बेरूई भटवलीया चंवर का मामला है. जहां पर मनरेगा योजना का काम जेसीबी मशीन के द्वारा करवाया जा रहा है. यहां पर खुदाई का काम चल रहा है, जो कि बिना मजदूरों के करवाया जा रहा है. यह विभागीय कर्मियों व जनप्रतिनिधियों की वजह से हो रहा है, जिसके कारण मजदूरों को मनरेगा में रोजगार नहीं मिल रहा है. परसा प्रखंड क्षेत्र में चल रहे मनरेगा योजनाओं के कार्य में जेसीबी मशीन का उपयोग किया जा रहा है. जिसके कारण गांव के मजदूरों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और गांव से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं. गांव के लोगों का कहना है कि मनरेगा योजना में बड़ी लापरवाही की जा रही है, लेकिन इस बारे में अधिकारियों की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण गांव में बेरोजगारी बढ़ रही है, साथ ही सरकारी कार्यालयों में अराजकता भी बढ़ रही है. 


मजदूरों को नहीं मिल रहा रोजगार
बताया जाता है कि अभियंता कार्यस्थल का निरीक्षण किए बिना ही काम को मंजूरी दे जाती है. इस प्रकार से वरीय पदाधिकारियों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं होती है. जिसके कारण मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है. गांव में रोजगार उपलब्ध न होने के कारण लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं. 


पलायन को मजबूर
राज्य सरकार मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए मनरेगा के तहत कई योजनाएं चला रही हैं. खासकर लॉकडाउन के बाद गांव घर में ही रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. परंतु मनरेगा में हो रहे कामों में जेसीबी मशीन का उपयोग किया जा रहा है. जिसके कारण मजदूरों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है. मजदूरी नहीं मिलने पर मजदूरों के समक्ष आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं. काम की तलाश में कई मजदूर पलायन कर रहे हैं.


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