बोकारो : झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने बोकारो में भाजपा को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर घेरने की कोशिश की. उन्होंने साफ कहा कि भाजपा आदिवासियों की हितैषी है तो शिबू सोरेन को उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया. शिबू सोरेन तो आदिवासियों के सबसे बड़ा नेता हैं. 


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राष्ट्रपति के चुनाव के बहाने झारखंड के बोकारो में भाजपा और जेएमएम आमने-सामने आ गई. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो और भाजपा के चंदनक्यारी विधायक में इसको लेकर जुबानी जंग शुरू हो गई. 


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बोकारो में झारखंड के शिक्षा मंत्री सह उत्पाद एवं मध निषेध मंत्री जगरनाथ महतो का बयान आया जहां उन्होंने कहा भाजपा आदिवासियों की इतनी हितैषी है तो शिबू सोरेन को क्यों नहीं बनाया राष्ट्रपति पड का उम्मीदवार. मंत्री ने आगे कहा कि आदिवासियों का सबसे बड़ा नेता अभी दिशोम गुरु शिबू सोरेन हैं और उनसे बड़ा नेता आदिवासियों का कोई नहीं है. ऐसे में अगर आदिवासियों की हित की बात होती तो शिबू सोरेन को राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर भाजपा को उतारना चाहिए था. मंत्री ने कहा कि भाजपा केवल आदिवासी कार्ड खेल रही है. यूपीए के द्वारा यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाए जाने के मामले पर उन्होंने कहा कि यह पूरे देश की बात है और कांग्रेस सहित अन्य दलों ने तय किया है. लेकिन भाजपा आदिवासी के नाम पर केवल आदिवासी कार्ड खेल रही है.


वहीं जगरनाथ महतो के बयान पर भाजपा की तरफ से पूर्व मंत्री और चंदनक्यारी की विधायक अमर बावरी ने पलटवार करते हुए कहा कि जिनके ऊपर केस के चार्ज लगे हों और जो सजायाफ्ता हो उनको कैसे उम्मीदवार बनाया जा सकता है. ऐसा ही था तो यूपीए ने अपना उम्मीदवार राष्ट्रपति के तौर पर उन्हें क्यों नहीं उतारा. उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी किसी दलित को और आदिवासियों को इतने बड़े पद पर पिछली यूपीए सरकार ने नहीं पहुंचाया. यह तो भाजपा और नरेंद्र मोदी की देन है. जहां एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति पद के तौर पर भाजपा और एनडीए ने अपना उम्मीदवार चुना. विधायक ने कहा कि एक ही परिवार के लोगों को राज्यसभा, विधानसभा और सारे पद दे दिए जाए ऐसा नहीं है. परिवारवाद की पार्टी हैं ये लोग जो ऐसा ही सोचती है कि एक ही परिवार को सब कुछ दे दिया जाए. उन्होंने कहा कि यह भाजपा है जो आदिवासियों और दलितों को सम्मान देने का काम कर रही है.