पटनाः Bihar Vidhan Sbha Bhawan: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बिहार की धरा पर हैं. यहां से उन्हें खास लगाव है. उनके बिहार आगमन को लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही थीं, वहीं पटना शहर को सजाया गया है. राष्ट्रपति यहां राजभवन में ठहरने वाले हैं. ऐसे में राजभवन के राष्ट्रपति सूट को चकाचक किया जा चुका है.


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यहां के रसोइयों, खानसामों में भी महामहिम के आगमन को लेकर खासा उत्साह है. यह पहली बार नहीं है, जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बिहार पहुंचे हैं. इसके पहले भी तीन बार उन्होंने 'बिहार दर्शन' किया है. हालांकि वह रात में रुकने के कार्यक्रम से नहीं आए थे. तब उनका एक ही दिन का कार्यक्रम था. 


पहली बार 9 नवम्बर 2017 
देश के प्रथम नागरिक बनने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहली बार 9 नवम्बर 2017 को तृतीय कृषि रोडमैप का शुभारंभ करने आये थे. इस कृषि रौडमैप में जैविक खेती के साथ- साथ उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया गया है.


किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ यह भी लक्ष्य है कि हर भारतीय की थाली में कम-से-कम एक बिहारी व्यंजन जरुर हो. पहले के दो कृषि रोडमैप से कृषि के क्षेत्र में काफी परिवर्तन देखने को मिला.


दूसरी बार 15 नवम्बर 2018 
15 नवम्बर 2018 को राष्ट्रपति दूसरी बार बिहार आए थे. इस दौरान वह राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा तथा एनआईटी पटना के दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे थे. उस दौरान 500 छात्रों को डिग्री दी गई थी.


जिनमें 33 छात्रों को गोल्ड मेडल दिए गए थे. इनमें 25 छात्राएं गोल्डमेडलिस्ट शामिल थीं. इस एक दिनी यात्रा में राष्ट्रपति के साथ मैडम राष्ट्रपति भी बिहार आई थीं. 


तीसरी बार 25 अक्टूबर 2019
तीसरी बार राष्ट्रपति 25 अक्टूबर 2019 बिहार पहुंचे थे. इस दौरान वह राजगीर परिभ्रमण पर आए थे. उस दौरान राष्ट्रपति राजगीर की रत्नागिरी पहाड़ी के शिखर पर स्थित विश्व शांति स्तूप के 50वें वार्षिकोत्सव के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे.


इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने कहा थी कि हमारे लोकतंत्र पर बौद्ध धर्म के आदर्शो और प्रतीकों का गहरा प्रभाव पड़ा है. प्राचीन काल में बुद्ध के संदेश और अनुयायी एशिया के अधिकांश हिस्सों में फैले थे.


बिहार से खास लगाव
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का बिहार से खास लगाव होने की एक वजह भी है. कानपुर में जन्में कोविंद बिहार को अपनी कर्मभूमि के तौर पर देखते हैं. 8 अगस्त 2015 को उन्होंने बिहार के राज्यपाल पद की शपथ ली थी. यानी वह यहां के राज्यपाल रह चुके हैं. इसके बाद 19 जून 2017 को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने के बाद बिहार के राजभवन से सीधे राष्ट्रपति भवन के लिए वह विदा हुए थे. राष्ट्रपति बनने के बाद वे चौथी बार बिहार के दौरे पर पहुंच रहे हैं. 


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