Patna: कहते हैं कि रणक्षेत्र में अपना सबसे शक्तिशाली हथियार अंत में इस्तेमाल करना चाहिए, जब उसकी सबसे ज्यादा जरूरत हो. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी यही नीति अपनाते हुए अपना तुरुप का इक्का चुनावी रणक्षेत्र में उतारने का बिगुल फूंक दिया है. पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) 24 अक्टूबर को आखिरकार बिहार आ रहे हैं. उनके साथ उनकी धर्मपत्नी राबड़ी देवी (Rabri Devi) भी मौजूद रहेंगी. एम्स (AIIMS) से डिस्चार्ज होने के बाद से ही लालू अपनी बड़ी बेटी मीसा भारती (Misa Bharti) के साथ उनके दिल्ली वाले घर में रह रहे हैं.


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रणनीति के तहत लालू की वापसी


लालू प्रसाद यादव के बिहार आने के कयास काफी वक्त से लगाए जा रहे थे, लेकिन आरजेडी ने उनके आने का ये वक्त क्यों तय किया इसके पीछे पार्टी की अपनी रणनीति है. पार्टी उपचुनाव के प्रचार अभियान में उन्हें मुख्य चेहरा बनाकर जनता से जीत का आशीर्वाद मांगने निकलेगी. याद दिला दें कि आरजेडी की 20 स्टार प्रचारकों की लिस्ट में लालू का नाम पहले पायदान पर है.


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उपचुनाव में लालू की दहाड़


बता दें कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कुशेश्वरस्थान सीट पर कांग्रेस (Congress) दूसरे स्थान पर रही थी, इसलिए कांग्रेस इस सीट पर अपना दावा ठोक रही थी लेकिन आरजेडी ने तारापुर समेत इस सीट पर भी अपने उम्मीदवार उतार दिए. इन्हीं दोनों सीटों पर लालू प्रसाद यादव को प्रचार कर बहुमत जुटाना है. हालांकि, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पहले ही दोनों स्थानों का दौरा कर मंच सजा चुके हैं. अब बारी लालू प्रसाद यादव की दहाड़ की है.


आरजेडी के सिर सजेगा सेहरा!


गौरतलब है कि बिहार में उपचुनाव की जंग रोजाना रोमांचित होती जा रही है. कहने को दो सीटों पर उपचुनाव हैं, लेकिन सभी राजनीतिक दलों ने इसे नाक का सवाल बना लिया है. आरजेडी उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के पहले दिन से ही कमर कसकर मैदान में है. महागठबंधन में रहते हुए अलग प्रत्याशी उतारने का फैसला हो, कांग्रेस की नाराजगी झेलने की हिम्मत की बात हो या फिर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर प्रहार करने का मसौदा. पार्टी अपनी दमदार रणनीति, कुशल नेतृत्व, बेजोड़ समन्वय और जीतोड़ मेहनत की वजह खुद को जीत का हकदार बता रही है.


 


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JDU की सीट, दावे सबके


जिन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, ये दोनों सीटें जनता दल यूनाइटेड (JDU) के खाते में थी. कुशेश्वरस्थान से विधायक शशि भूषण हजारी का लंबे वक्त से बीमार होने की वजह से और तारापुर के विधायक मेवालाल चौधरी का कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की वजह से निधन हो गया था, जिसकी वजह से इन दोनों सीटों पर उपचुनाव हो रहा है.