पटना: Lord Vishnu Puja Mantra: भगवान विष्णु के स्मरण और उनकी पूजा में मंत्रों की बहुत बड़ी भूमिका है. इनके जरिए उनकी कृपा पाई जा सकती है. गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा का विधान है. जो इस दिन भगवान के सत्यनारायण स्वरूप की पूजा करता है और उनके मंत्रों से जाप कर जल अर्पण करता है, उस पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है. जानिए भगवान विष्णु के प्रमुख मंत्र


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विष्णु स्मरण मंत्र का कीजिए जाप
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय. पुराणों के अनुसार यह मंत्र विष्णु जी का मूल मंत्र है. विष्णु भगवान का स्मरण करने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है. विष्णु भक्तों के बीच यह अति लोकप्रिय मंत्र है. भक्त प्रहलाद और ध्रुव ने इसी मंत्र के जाप से उनकी कृपा प्राप्त की थी.


धन प्राप्ति के लिए पूजा
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर. भूरि घेदिन्द्र दित्ससि,
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्. आ नो भजस्व राधसि.
भगवान विष्णु जी का यह मंत्र ऋग्वेद से लिया गया है. यदि किसी व्यक्ति जीवन में धन धान्य का अभाव हो तो वह विष्णु पूजा के दौरान इस मंत्र जाप कर सकता है. इस अर्थ है - हे लक्ष्मीपते ! आप साधारण दानदाता ही नहीं बल्कि महादानी हैं. सुना है कि संसार भर से निराश होकर जो याचक आपसे प्रार्थना करता है, उसकी पुकार सुनकर उसे आप आर्थिक कष्टों से मुक्त कर देते हैं - उसकी झोली भर देते हैं. हे भगवान मुझे इस आर्थिक संकट से मुक्त कर दो.


भगवान विष्णु की वंदना
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम् .
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्.
इस मंत्र में भगवान विष्णु के रूप का वर्णन किया गया है. मंत्र में यह कहा गया है कि जिस हरि का रूप अति शांतिमय है, जो शेष नाग की शैय्या पर शयन करते हैं. जिनकी नाभि से कमल निकल रहा है, वे समस्त जगत के आधार हैं. जो गगन के समान हर जगह व्याप्त हैं. जो योगियों के द्वारा ध्यान करने पर मिल जाते हैं. जो समस्त जगत के स्वामी हैं, जो भय का नाश करने वाले हैं, जो धन की देवी लक्ष्मी जी के पति हैं, उन प्रभु हरि को मैं शीश झुकाकर प्रणाम करता हूं.


विष्णु कृष्ण वंदना मंत्र
विष्णु कृष्ण अवतार मंत्र का जाप भगवान कृष्ण की स्तुति के लिए पढ़ा जाता है. श्रीकृष्ण के रूप में विष्णु जी ने आठवां अवतार धारण किया था. यही वह अवतार है जहां उन्होंने साधु जनों को वचन दिया है कि जब-जब धर्म की हानि होगी वह इसका संरक्षण करने के लिए अवतार लेंगें. इस मंत्र को कृष्ण जन्माष्टमी और श्रीकृष्ण की पूजा के दौरान पढ़ा जाता है.
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे.
हे नाथ नारायण वासुदेवा..


विष्णु गायत्री मंत्र का विधि से करें जाप
विष्णु गायत्री मंत्र का जाप करने वाले व्यक्ति को समस्त दुखों से मुक्ति मिल जाती है. हालांकि जपने वाले व्यक्ति को इस मंत्र को विधि-विधान से जपना चाहिए, तभी इसका वास्तविक फल जपने वाले व्यक्ति को मिलता है.
ॐ नारायणाय विद्महे.
वासुदेवाय धीमहि.
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्.


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