मुसलमानों ने दिया हिंदू दोस्त की अर्थी को कंधा, राम नाम के लगाए नारे
Hindu-Muslim Harmony: कहते हैं कि जिसका कोई नहीं उसका ऊपर वाला होता है. राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में बीते शुक्रवार कुछ ऐसा हुआ जिसकी कल्पना भी आपने नहीं की होगी.
पटना:Hindu-Muslim Harmony: कहते हैं कि जिसका कोई नहीं उसका ऊपर वाला होता है. राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में बीते शुक्रवार कुछ ऐसा हुआ जिसकी कल्पना भी आपने नहीं की होगी. देश में जारी हिंदू मुसलमान विवाद के बीच फुलवारी के एक मुस्लिम परिवार ने एक ऐसे धार्मिक एकता का परिचय दिया है जिसके लिए फुलवारी शरीफ के लोग अपने को गर्व महसूस करने लगे हैं. जिस 75 वर्षीय रामदेव का इस दुनिया में कोई सहारा नहीं था तब उसको अपने घर रखकर सहारा देने वाले एक मुस्लिम परिवार ने उसकी मृत्यु पर हिंदू रीति रिवाज से उसका दाह संस्कार किया. मुसलमानों ने अपने कंधे पर राम नाम सत्य बोलते हुए उसे घाट तक ले गए और फिर उसका अंतिम संस्कार किया. फुलवारी शरीफ में हुआ यह वाक्या लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है.
भटकता हुआ पहुंचा राजा बाजार
बताया जा रहा है कि लगभग 25 से 30 वर्ष पूर्व रामदेव नाम एक व्यक्ति भटकता हुआ राजा बाजार के सबनपूरा पहुंचा. वह काफी भूखा था. तब उसे इस मुस्लिम परिवार ने उसे सिर्फ खाना ही नहीं खिलाया बल्कि अपने दुकान में सेल्समैन के रूप में भी रख लिया. पिछने 25 से 30 सालों से वो मोहम्मद अरमान के घर पर ही रह रहा था. बीते शुक्रवार को 75 वर्षीय रामदेव की मृत्यु हो गई.
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लगाए राम नाम के नारे
रामदेव की मृत्यु के बाद आसपास के सभी मुसलमान भाइयों ने मिलकर उसके लिए अर्थी सजाई और पूरे हिंदू रीति रिवाज से राम नाम का नारा लगाते हुए पटना के गुलबी घाट ले जाकर उसका अंतिम संस्कार किया. बताया जा रहा है कि इस दाह संस्कार में मोहम्मद रिजवान, दुकान के मालिक मोहम्मद अरमान, मोहम्मद राशिद और मोहम्मद इजहार ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.