Patna: प्रधानमंत्री पोषण योजना (पहले मिड डे मील) से जुड़ी ये शिकायत होती थी कि बच्चों को खाना सही समय पर नहीं मिल रहा है और भोजन में गुणवत्ता भी नहीं है. वहीं, दूसरी तरफ शिक्षकों की शिकायत होती थी कि उन्हें पढ़ाई के बजाय भोजन बनाने में लगा दिया गया है. अब इन शिकायतों को दूर करते हुए शिक्षा विभाग ने सिंगल नोडल एकाउंट के नाम से एक व्यवस्था तैयार की है. विभाग ने इसके लिए एक बड़े निजी बैंक से समझौता किया है.


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इस योजना के जरिए प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत जो भी भुगतान होगा वो ऑनलाइन ही होगा. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा है कि मानवीय दखल कम होने से प्रधानमंत्री पोषण योजना (PM Poshan Scheme) में पूरी तरह से पारदर्शिता आ जाएगी.


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दरअसल, सरकारी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के मकसद से साल 2005 में मिड डे मील योजना (Mid Day Meal) लागू की गई. इसका परिणाम ये हुआ कि स्कूलों में ड्रॉपआउट कम हुआ और छात्रों की उपस्थिति भी बढ़ी. लेकिन इसके साथ ही इसमें बड़े स्तर पर धांधली की शिकायतें आने लगी.  


लिहाजा इन्हीं शिकायतों को दूर करने के मकसद से पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम यानि (Public Financial Management System) पीएफएमएस बनाया गया है. ये PFMS केंद्र सरकार ने तैयार किया है. इसे लेकर एक पोर्टल तैयार किया गया है, जिसे सिंगल नोडल एकाउंट नाम दिया गया है.


शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार के मुताबिक, राज्य स्तर पर एक बैंक खाता खोला जाएगा और इसी के जरिए योजना लागू की जाएगी. जिला और स्कूल स्तर पर राशि की सीमा तय कर पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से योजना पर काम होगा. सभी भुगतान ऑनलाइन मोड में होगा. जानकारी के मुताबिक, पूरे बिहार में क्लास एक से लेकर आठ तक के स्कूलों में प्रधानमंत्री पोषण योजना लागू है.  


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वहीं, प्रधान सचिव संजय कुमार ने भी माना कि अभी भी बिहार में सिर्फ 66 फीसदी बच्चे ही प्रधानमंत्री पोषण योजना का लाभ उठा पा रहे हैं. आज इस योजना को लागू कराने के मकसद से दो दिवसीय ट्रेनिंग की शुरुआत हुई है.