पटना: कहते हैं भगवान इंसान से कोई एक शक्ति छीन लेता है तो उसे दूसरी शक्तियों से भर देता है. कुछ ऐसी ही कहानी है पटना की जयश्री की. 13 साल की उम्र में जयश्री की आंखें अचानक एक बीमारी के कारण खराब हो गईं. लेकिन उसके साथ जो हुनर जयश्री में खुद ब खुद आया वो चौकाने वाला था. आज जयश्री 12 भाषाओं में गाना गा सकती है. जयश्री के हुनर से उसके परिवार वाले भी काफी खुश हैं और चाहते हैं कि जयश्री आगे चलकर एक बड़ी गायिका बने.


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12 भाषाओं में गाती है पटना की जयश्री
अगर आपको गाने के लिए कहा जाए तो आप कितनी भाषा में गा सकते हैं. हिन्दी, अंग्रेजी के साथ ज्यादा से ज्यादा अपनी क्षेत्रीय भाषा में आप गाना गा सकते हैं. लेकिन पटना की एक 17 साल की एक लड़की 12 भाषाओं में गाना गा सकती है. वो भी तब जबकी लड़की की आखें एक बीमारी के कारण खराब हो चुकी हैं.


13 साल की उम्र में आंखों की रोशनी को खोया 
जयश्री की मां एक हॉस्पिटल में काम करती हैं और पिता एक इंश्योरेंस कंपनी में हैं. जयश्री की मां अनामिका बताती हैं कि 13 साल की उम्र तक जयश्री की आंखें बिल्कुल ठीक थीं. वो आम बच्चों की तरह ही स्कूल जाती थी. जयश्री ने अपनी आठवीं तक की पढ़ाई पूरी की है. लेकिन अचानक साल 2018 में जयश्री के सर में दर्द होने लगा. कई डाक्टरों से दिखाने के बाद भी सही इलाज नहीं हो पाया. धीरे-धीरे जयश्री की आंखे जवाब दे गईं. बाद में पता चला की जयश्री टीवीक्युलर मैनेंजायटिस बीमारी की शिकार हो चुकी है. जिसमें जयश्री को अब सिर्फ ब्लैक एंड व्हाईट में सिर्फ परछाई नजर आती है.


लाचारी ने जयश्री को संगीत के करीब लाया
जयश्री की आंखों की रोशनी जाने के बाद परिवार वाले बेहद निराश हो गए थे. बाद में कोरोना के कारण लॉकडाउन की स्थिति आ गई. उस समय घर से बाहर निकलना भी मुश्किल था. ऐसे में, जयश्री का रुझान संगीत की तरफ बढा. जयश्री पहले भी गाने गुनगुनाती थी, लेकिन गाने के प्रति उसका रुझान लॉकडाउन के समय बढ़ा. इसमें उसकी छोटी बहन हर्षिता ने उसका बखूबी साथ दिया.


छोटी बहन हर्षिता जयश्री को करती है सपोर्ट
जयश्री जिन भाषाओं में गाना गाती है उनमें हिंदी, इंगल्शि, भोजपुरी, पंजाबी, हरयाणवी, बंगाली, गुजराती, फ्रेंच, स्पेनिश, अरेबिक, तमिल और तेलुगू शामिल हैं. सारी भाषाओं को समझने में जयश्री की छोटी बहन हर्षिता उसकी मदद करती है. दरअसल गाने से पहले हर्षिता जयश्री को गाने के हर बोल का मतलब गूगल में सर्च कर बताती है. जिससे गाने को लेकर जयश्री की समझ और बेहतर हो जाती है. हालांकि हर्षिता को अपनी दीदी की तरह गाना पसंद नहीं है. हर्षिता डांस आर्ट को पसंद करती है.  


संगीत में ही अपना करियर बनाना चाहती है जयश्री
जयश्री बताती है कि गाने से उनका लगाव बचपन से था. लेकिन अब ये उसका जुनून बन गया है. अब वो गाने में ही अपना भविष्य बनाने की तैयारी कर रही है. जयश्री सामूहिक रुप से होने वाले गीत-संगीत के कार्यक्रम में शामिल होने भी जाती है. हालांकि उसे इस बात का जरा भी गम नहीं है कि अब वो साधारण बच्चों की तरह नहीं देख सकती है. लेकिन हालात ने उसे इतनी शक्ति जरुर दे दी है कि वो अपनी आवाज के बल पर दुनिया पर राज करने के सपने संजोने लगी है.