Delhi/Patna: पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को देश भर के लोगों से अपने 'प्रतीक चिह्न' प्रतियोगिता के लिए 7,500 से अधिक प्रविष्टियां मिली हैं. PMRC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. पटना मेट्रो वर्तमान में बिहार की राजधानी में निर्माणाधीन है. इस परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 फरवरी 2019 को रखी थी. 


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PMRC को मिली 7,500 से अधिक प्रविष्टियां
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC)पटना मेट्रो परियोजना पर काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य पहली बार बड़े पैमाने पर रैपिड ट्रांजिट नेटवर्क का उपयोग करके शहर को भीड़-भाड़ मुक्त करना है. पीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हमें देश भर से 7,500 से अधिक प्रविष्टियां मिली हैं. इसमें पटना के अलावा दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु जैसे बड़े महानगर और पूर्वोत्तर के असम में गुवाहाटी जैसे छोटे शहर भी शामिल हैं. लोगों ने इसमें बहुत रुचि दिखाई है.' 


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उम्र की कोई बाधा नहीं
पीएमआरसी, पटना मेट्रो का प्रबंधन प्राधिकार है और बिहार सरकार के शहरी विकास और आवास विभाग के प्रधान सचिव पीएमआरसी के प्रबंध निदेशक का प्रभार संभालते हैं. अधिकारी ने कहा कि प्रविष्टियों का मूल्यांकन वर्तमान में पांच सदस्यीय चयन मंडल द्वारा किया जा रहा है और सितंबर के अंत तक पीएमआरसी के प्रतीक चिह्न (Logo) पर अंतिम निर्णय होने की उम्मीद है. प्रविष्टियां भेजने पर कोई आयु सीमा नहीं थी. प्रतियोगिता के निर्देशों के अनुसार, एक अवधारणा नोट भी प्रविष्टि के साथ संलग्न किया जाना था. 


विजेताओं को पुरस्कार में मिलेगी राशि
अधिकारी ने कहा, 'लगभग 7500 प्रविष्टियों में से करीब 2,500 प्रविष्टियां बिहार से हैं. पटना से 2000 के करीब प्रविष्टियां आई हैं. सभी बड़े शिक्षण संस्थान राज्य की राजधानी में स्थित हैं, इसलिए इतनी प्रविष्टियां आई हैं.' अधिकारी ने कहा, 'हमने आठ जुलाई से अखिल भारतीय प्रतियोगिता के तहत प्रविष्टियां आमंत्रित की थीं. प्रथम पुरस्कार में 50,000 रुपए की पुरस्कार राशि निर्धारित की गई है, जबकि द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वाले डिजाइन के लिए क्रमश: 25,000 रुपए और 11,000 रुपए पुरस्कार दिए जाएंगे.'


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इस तरह होगा विजेता का चयन
अधिकारी ने कहा कि चयन मंडल में पीएमआरसी प्रमुख, पटना मेट्रो के वरिष्ठ अधिकारी और राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT), पटना और कला एवं शिल्प महाविद्यालय, पटना के विशेषज्ञ शामिल हैं. पीएमआरसी ने कहा है कि विजेता का चयन रचनात्मकता, मौलिकता, तकनीकी गुणवत्ता, रचनात्मक क्षमता और दृश्य प्रभाव के आधार पर किया जाएगा. इसके अलावा, एक पहलू यह भी होगा कि पीएमआरसी के दृष्टिकोण को प्रतीक चिह्न में कितनी अच्छी तरह दर्शाया गया है. 


(इनपुट-भाषा)