पटनाः बिहार से अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत की बात जब से प्रशांत किशोर ने की है. तब से ही सियासी हलके में यह बवाल का विषय बना हुआ है. सियासी दिग्गज प्रशांत किशोर के इस फैसले पर जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. जबकि एक समय नीतीश कुमार के सबसे करीबी रहे प्रशांत किशोर नीतीश सरकार के कामकाज पर ही सवाल उठाने लगे हैं. 


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बिहार के कई सियासी दल राजनीति में प्रशांत किशोर की एंट्री को केवल छलावे के तौर पर देख रहे हैं. वहीं प्रशांत किशोर की मानें तो वह बिहार के 'सुशासन' पर लगातार सवाल उठा रहे हैं. बिहार में सुशासन पर सवाल उठाते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि समस्तीपुर की घटना से मानवता शर्मशार हुई है. 


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बता दें कि समस्तीपुर में पोस्टमार्टम कर्मी ने एक गुमशुदा शख्स का शव परिवार को देने से मना कर दिया. शव के बदले उसने 50 हजार रुपए मांगे, गरीब माता-पिता पैसे न होने के कारण शव नहीं ले पा रहे थे. इसके बाद उन्होंने बेटे के शव के लिए लोगों से चंदा मांगना शुरू किया. मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सरकार की आलोचना की जा रही है और 'सुशासन' पर सवाल उठाए जा रहे हैं. 


प्रशांत किशोर ने इस खबर को ट्वीट करते हुए इसे मानवता को शर्मशार करने वाला बताया है और बिहार सरकार के 'सुशासन' के दावे पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि "मानवता शर्मशार, फिर भी नीतीश कुमार जी का सुशासन का दावा बरकरार". 



पिछले दिनों अपने वैशाली और सीवान के दौरे में बिहार सरकार के तथाकथित 'सुशासन' पर इसी तरह के कई सवाल प्रशांत किशोर ने उठाए थे.