Gaya: विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर गया समाहरणालय के सभाकक्ष एक कार्यक्रम को आयोजित किया गया. आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गया जिले के उप विकास आयुक्त विनोद दूहन सहित बाल श्रम से मुक्त कराए गए बच्चे व श्रम विभाग के अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए. मुख्य अतिथि का स्वागत पुष्प देकर किया गया. वहीं, इस कार्यक्रम की शुभारंभ उप विकास आयुक्त व श्रम अधीक्षक ने दीप प्रज्वलित कर किया गया. वहीं बाल श्रम से मुक्त हुए दो बच्चों को उप विकास आयुक्त के द्वारा 25 -25 हजार रुपए की एफडी सौंपा गया. इस कार्यक्रम में शामिल बाल श्रम से मुक्त हुए बच्चों से उनकी आपबीती सुनाई गई. 


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वहीं,  इस मौके पर उप विकास आयुक्त ने बताया कि श्रम विभाग के द्वारा जो भी बच्चों को मुक्त कराया गया है उसको बिहार सरकार की तरफ से नियोजित योजना के तहत एक एफडी का वितरण किया गया है. वहीं,उन्होंने बताया कि श्रम विभाग सूचना के आधार पर छापेमारी करता है. जिला प्रशासन व समाज की जागरूकता से हम इस समस्या से निजात पा सकते हैं. साथ ही उन्होंने अपील करते हुए कहा कि कोई भी बाल श्रम करते बच्चे अगर आपको मिले तो प्रशासन को सूचित करें ताकि उसको मुक्त कराया जा सके. आगे उन्होंने कहा कि शिक्षा के हर स्वरूप से ही व्यक्ति में निखार लाया जा सकता है. जीवन में शिक्षा का एक बड़ा योगदान रहता है व जो भी बच्चे श्रम मुक्त होते हैं उसको शिक्षित करने के लिए विद्यालय में नामांकन कराया जाएगा. 



इस मौके पर गया जिले के श्रम अधीक्षक ने बताया कि विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया है. उन्होंने बताया कि गया का जो कलंक है. उसको श्रम विभाग और जिला श्रम के द्वारा कार्य किया जा रहा है. इसकी पहचान बदल रही है और जिला प्रशासन और श्रम विभाग पूरी तरह से तत्पर है. साथ ही उन्होंने बताया कि विभिन्न कार्यों में लगे बाल श्रम को मुक्त कराया जा रहा है. ईंट भट्ठों पर बच्चे अक्सर काम करते हुए मिलते थे. लेकिन अब उसमें काफी गिरावट आई है. इसके अलावा दूसरे राज्यों में जो बच्चे कार्य कर रहे हैं वहां की सरकार से बात कर वापस लाया जाता है और प्रोत्साहन राशि भी उपलब्ध कराई जाती हैं.


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