Patna: बिहार के दिग्गज नेता रहे रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghvansh Prasad singh) की आज पहली पुण्यतिथी है. इस मौके पर भी राज्य में बीजेपी व आरजेडी ने दिग्गज नेता को लेकर सियासी बयान दिए हैं. यही वजह है कि तमाम दलों के नेता एक तरफ रघुवंश प्रसाद सिंह को श्रद्धांजलि दे रहे हैं वहीं दूसरी ओर राजनीतिक बयान भी दे रहे हैं.


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एक तरफ आरजेडी ने रघुवंश प्रसाद सिंह को लेकर नीतीश कुमार की मनसा पर सवाल खड़े किये तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने रघुवंश सिंह को लेकर लालू परिवार (Lalu yadav Family) पर निशाना साधा है. यही वजह है कि रघुवंश सिंह की पहली पुण्यतिथि आज आरजेडी ने कई सवाल उठाए हैं.


पूर्व केंद्रीय मंत्री व राजद नेता रघुवंश सिंह भले ही दुनिया में न हों लेकिन आजकल सियासत उनके ही इर्द गिर्द घूम रही है. रघुवंश सिंह सियासत करनेवालों के इतने पसंदीदा विषय बने हुए हैं कि उनकी पहली पुण्यतिथी पर भी जमकर राजनीति हुई. आरजेडी (RJD) के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेन्द्र ने कहा कि रघुवंश बाबू को आज पूरा राजद परिवार श्रद्धांजलि दे रहा है.


इसके साथ ही राजद नेता ने कहा कि जवाब तो उन लोगों को देना चाहिए जिन्होंने उनके नाम की फर्जी चिट्ठी जारी की थी. साफ है कि रघुवंश प्रसाद सिंह के अंतिम चिट्ठी का जिक्र करते हुए राजद ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. राजद नेता ने मांग की है कि नीतीश कुमार आज उनकी पुण्यतिथि पर रघुवंश बाबू और रामविलास पासवान की मूर्ति पटना में लगाने की घोषणा करें.


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'तेजस्वी के भाई ने रघुवंश बाबू के लिए कैसे शब्दों का प्रयोग किया सब जानते हैं'
इस मामले में राजद नेता के बयान पर नितिन नवीन ने जमकर हमला किया है. मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि रघुवंश सिंह का लोगों ने दलगत भावना से ऊपर उठकर सम्मान किया है. तेजस्वी यादव पत्र और मूर्ति के जरिए छोटी राजनीति कर रहे हैं. साथ ही नीतीन नवीन ने कहा कि रघुवंश बाबू जब राजद में थे तो उनकी कोई पूछ नहीं थी. बिहार सरकार के मंत्री नीतीन नवीन ने इसके आगे कहा कि तेजस्वी यादव के भाई ने रघुवंश बाबू के लिए कैसे शब्दों का प्रयोग किया, जनता सब जानती है. सीएम नीतीश कुमार ने जनता के इक्षा को पूरा किया है. 


'रघुवंश प्रसाद सिंह का सपना जमीन पर उतर पाएगा'
वहीं, जदयू एमएलसी गुलाम गौस ने कहा, 'रघुवंश बाबू और रामविलास जी हमारे सम्मानित नेता थे. उन दोनों के सम्मान में प्रतिमा लगनी चाहिए. हमलोगों को इसपर कोई ऐतराज नहीं लेकिन गुलाम गौस रघुवंश सिंह की ओर से सीएम नीतीश को लिखी डिमांड की आखिरी चिट्ठी पर कुछ भी नहीं बोल पाए.' राजनीतिक दल रघुवंश बाबू के बहाने सियासी मुद्दों को उखाड़ने में जुटे हैं लेकिन बड़ा सवाल आज भी है कि दुनिया छोड़ने से पहले रघुवंश बाबू ने जो अंतिम सपना देखा था क्या वो जमीन पर उतर पाएगा. 



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