Rambha Teej Vrat Katha: क्या है रंभा तीज की व्रत कथा, जानिए पूजा विधि और मुहूर्त
Rambha Teej Vrat Story: रंभा तीज के दौरान महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं. खासकर इस दिन चूड़ियों की पूजा की जाती है. सनातन धर्म के अन्य पर्वों की ही तरह रंभा तीज के दिन भी दान का भी बड़ा महत्व है.
पटना: Rambha Teej Vrat Katha: हिंदू धर्म में आस्था रखने वाली सुहागिन महिलाओं के लिए रम्भा तीज व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस दिन सुहागिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं. इस व्रत को अप्सरा रंभा ने महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए किया था. इस व्रत को करने से शिव-पार्वती और देवी लक्ष्मी तीनों की कृपा मिलती है.
चूड़ियों की होती है पूजा
रंभा तीज के दौरान महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं. खासकर इस दिन चूड़ियों की पूजा की जाती है. सनातन धर्म के अन्य पर्वों की ही तरह रंभा तीज के दिन भी दान का भी बड़ा महत्व है. माना जाता है कि इस दिन सोलह श्रृंगार की वस्तुओं का दान करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है. रिश्तों में कड़वाहट कम होती है और प्रेम बढ़ता है.
रंभा तीज 2022 शुभ मुहूर्त जानिए
तृतीया तिथि की शुरुआत – 1 जून, 2022 बुधवार को 09 बजकर 47 मिनट तक
तृतीया तिथि की समाप्ति - 3 जून, 2022 शुक्रवार को 12 बजकर 17 मिनट तक
रंभा तीज की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, समुंद्र मंथन के दौरान रंभा अप्सरा (rambha tritiya 2022 katha) की उत्पत्ति हुई थी. एक बार असुरो और देवताओं के बीच में युद्ध छिड़ गया था. जिसमें देवताओं की हार हुई थी. ऐसे में असुरों पर विजय प्राप्त करने के लिए देवता और असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ. समुद्र मंथन के दौरान 14 रत्नों में से एक अप्सरा रंभा भी थीं. इन्हें सौंदर्य का प्रतीक माना जाता था. रंभा तीज का व्रत रंभा अप्सरा को ही समर्पित है. इस व्रत को करने से स्त्रियों को सौभाग्य की प्राप्ति होती है और यौवन और आरोग्य भी प्राप्त होता है.