पटना : बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के समापन समय वंदे मातरम सदन में गाया गया. इस दौरान सदन में उपस्थित तमाम विधायक खड़े हुए लेकिन आरजेडी के एक विधायक सौद आलम खड़े नहीं हुए. जिसको लेकर सदन के अंदर से लेकर बाहर तक राजनीति गरमा गई है. 


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इस प्रकरण को लेकर आरजेडी के विधायक सौद आलम ने कहा वंदे मातरम राष्ट्रगान नहीं है. इसलिए मैं खड़ा नहीं हुआ. क्योंकि हमारा मुल्क कोई हिंदू राष्ट्र नहीं हुआ है.


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माले विधायक कर रहे आरजेडी विधायक के किए का समर्थन 
इसको लेकर माले विधायक महबूब आलम ने कहा कि विधायक ने जो किया वह ठीक किया है. हम लोग सदन में नहीं थे हम लोग भी रहते तो खड़े नहीं होते. हमारी आपत्ति यह है कि राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान का परिभाषा दीजिए. राष्ट्रगीत का हम सम्मान करते हैं. सदन का भगवाकरण नहीं करने दिया जाएगा. जन-गन-मन अधिनायक की जय है. पहले भी गाते थे और अब भी गाते हैं लेकिन सत्ता पक्ष अपना एजेंडा लागू करेगा. जो नहीं होगा. वंदे मातरम भगवाकरण का गाना है. वंदे मातरम कहवाने की प्रक्रिया बिहार विधानसभा में शुरू हो रही है यह भगवाकरण है.


आरजेडी विधायक के समर्थन में पार्टी के दूसरे विधायक खड़े
आरजेडी विधायक अख्तरुल इमान शाहीन ने कहा जब देश हमारा आजाद हुआ राष्ट्रीय गीत क्या उस पर चर्चा हुई. उसमें जन गण मन पर सबकी सहमति हुई और गीतों पर आपत्ति थी.  इसमें वंदे मातरम भी है. इसलिए राष्ट्रगान के रूप में वंदे मातरम को हटा दिया गया लेकिन कुछ लोग उस समय वंदे मातरम गाते थे. वह आज भी चाहते हैं गाया जाए लेकिन उसको लेकर आपत्ति है.


कांग्रेस ने दी अपनी प्रतिक्रिया
कांग्रेस के विधायक विजय शंकर दुबे ने कहा किसी भी वर्ग के देश में लोग हैं. उन्हें भारत के राष्ट्रीय गीत के प्रति सम्मान सहज रूप से होना चाहिए. यही भारतीयता है. कुछ लोग इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं. कहने की जरूरत नहीं है कि इस पर खड़ा होना चाहिए. झंडे और राष्ट्रीय गीत के प्रति यह राष्ट्रीय धर्म है. यही कांग्रेस मानती है. 


भाजपा ने भी साधा निशाना 
बीजेपी के विधायक संजय सिंह ने कहा कि आरजेडी के विधायक ने हजारों देशवासियों का और नौजवान का अपमान किया है. आज वंदे मातरम के सम्मान में खड़े नहीं होकर हमारे वीरों का अपमान किया है. हमारी मांग है कि उन पर कार्रवाई होनी चाहिए और सदन की सदस्यता से बर्खास्त करना चाहिए.