पटनाः Somwar Mahadev Shiv Puja: सनातन परंपरा में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. सोमवार को भगवान शिव की पूजा और व्रत का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि सोमवार को भगवान शिव और माता पार्वती पूजा करने से वे बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं. पूजा के दौरान भगवान शिव पर बेलपत्र, धतूरा, जल और दूध चढ़ाया जाता है. 


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शिवजी को बैठकर चढ़ाएं जल
सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर साफ वस्त्र ग्रहण करें. यदि संभव हो तो मंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करने के बाद व्रत का संकल्प लें. हमेशा शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय ध्यान रखें कि बैठकर ही जल अर्पित करें. यहां तक कि रुद्राभिषेक करते समय भी खड़े नहीं होना चाहिए. पुराणों के अनुसार खड़े होकर शिवलिंग पर जल चढ़ाने से यह शिव जी को समर्पित नहीं होता है और इसका पुण्य प्राप्त नहीं होता है. 


कभी न करें शिवलिंग की पूरी परिक्रमा
आपको कभी भी शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जलाधारी को लांघा नहीं जाता. ऐसा करना धर्म ग्रंथों में वर्जित बताया गया है. शिवलिंग पर हल्दी या मेहंदी कभी भी नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि यह देवी पूजन की सामग्री है. इसलिए शिवजी की पूजा में ये चीजें वर्जित मानी गई हैं.


तांबे के पात्र से न चढ़ाएं दूध
शिवलिंग की पूजा कभी जलधारी के सामने से नहीं करनी चाहिए. शिवलिंग पर कभी भी शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए. शिवपुराण में एक कथा के अनुसार, शिवजी ने शंखचूड़ नाम के दानव का वध किया था. शंख उसी दानव की हड्डियों से बने हैं. इसलिए शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए. महादेव के शिवलिंग पर कभी भी तांबे के पात्र से दूध नहीं चढ़ाना चाहिए. इस बात का भी ख्याल रखें कि जब भी आप शिवलिंग की पूजा करें तो आपका मुंह दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए. यह भी जरूरी नियम है कि पूजा करते समय शिवलिंग के ऊपरी हिस्से को स्पर्श नहीं करना चाहिए.