Kaimur: कैमूर जिले में सातवें चरण के तहत शिक्षक बहाली की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. जहां 40 की संख्या में महिला पुरुष और दिव्यांग शिक्षक अभ्यर्थी शिक्षा कार्यालय भभुआ पहुंचे और शिक्षक रिक्ति के बारे में लिस्ट सार्वजनिक करने की मांग रखी. साथ ही उन्होंने डोमिसाइल नीति का पूर्णता पालन करने को लेकर भी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिलाधिकारी को आवेदन दिया.


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30 बच्चों पर एक शिक्षक 
शिक्षक अभ्यर्थी श्रीकृष्ण सिंह बताते हैं कि शिक्षक बहाली की रिक्ति सही सलामत हर प्रखंडों से आनी चाहिए. कई प्रखंडों से रिक्ति जो आ रही है वह संतोषजनक नहीं है. विभागीय जो लेटर जारी किया गया है उसके मुताबिक शिक्षक और छात्र का अनुपात 30 बच्चों पर एक शिक्षक को रखना है. लेकिन कई जिलों में यह रिक्तियां 40 छात्रों पर 1 शिक्षक बन रहा है, जो गलत है. बिहार में डोमिसाइल लागू है. जिसके तहत बिहार के निवासी शिक्षक बहाली में भाग लेंगे. लेकिन आए दिन देखा जा रहा है कि दूसरे राज्य के लोग हैं जो फर्जी तरीके से अपना डोमिसाइल तैयार करा रहे हैं. जो सरासर गलत है ऐसा नहीं होना चाहिए. इस पर रोक लगाने को लेकर सभी लोग जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिलाधिकारी को आवेदन सौंपने आए हैं.


लोग बनवा रहे फर्जी डोमिसाइल
वहीं शिक्षक अभ्यर्थी रंजीत कुमार बताते हैं कि सभी बिहार टेट और सी टेट पास अभ्यर्थी हैं, जो सातवें चरण के शिक्षक बहाली जुलाई अंत में शुरू होने वाला है. रीक्तियों का कैलकुलेशन किस तरह से किया जा रहा है, इसका पता लगाने आए हैं और जो डोमिसाइल नीति है उस पर भी रोक लगाने को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला पदाधिकारी से मिलने आए हैं. सरकार की नीति के अनुसार जो बिहार निवासी होंगे. उन्हें ही बिहार में शिक्षक बनने का अवसर दिया जाएगा. लेकिन जिले के जो भी सीमावर्ती राज्य हैं. वहां के लोग फर्जी तरीके से कुछ लोगों का डोमिसाइल बनवा रहे हैं और उसके आधार पर वह शिक्षक भर्ती का फार्म भर रहे हैं जो कि सरासर गलत है.


शिक्षक अभ्यर्थी पूजा कुमारी बताती है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के यहां 50 से अधिक महिला पुरुष आए हुए हैं. सभी लोगों की मांग है कि जो बिहार में डोमिसाइल लागू है, उस नीति का पालन होना चाहिए. दूसरे राज्य के लोग बिहार का फर्जी तरीके से डोमिसाइल ना बनवा पाए.


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