Patna: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) बार-बार सरकार की मुश्किलें बढ़ाते रहते हैं. इसी क्रम में तेजस्वी यादव की नई मांग बिहार की नीतीश कुमार सरकार के लिए परेशानी का सबब बन गई है. अपनी नई मांग के तहत तेजस्वी ने RJD के संस्थापक सदस्य रहे रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) और LJP के संस्थापक रहे रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की मूर्ति लगाने को कहा है. 


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दरअसल, इन दोनों दिग्गजों का देहांत पिछले साल हुआ लेकिन आज भी दोनों की अहमियत बिहार की राजनीति में बराबर है. इसी क्रम में तेजस्वी ने कहा, 'मेरी मांग है रामविलास पासवान और रघुवंश प्रसाद सिंह के लिए राजकीय समारोह मनाया जाए और दोनों की मूर्तियां लगाईं जाएं.'


'सरकार ने नहीं लगवाई किसी की मूर्ति'
इधर, तेजस्वी यादव की इस मांग पर राज्य सरकार को सीधे-सीधे विरोध करते बन नहीं रहा है, जिसके चलते नियम कायदों का हवाला दिया जा रहा है. JDU के प्रवक्ता अजय आलोक के मुताबिक, 'किसी की मूर्ति सरकार ने नहीं लगवाई है. प्रतिमा लगाने के लिए सरकार की एक कमेटी है, जो तय करती है कि कब और कहां किसकी मूर्ति लगेगी. तेजस्वी यादव को जब तक पूरी जानकारी नहीं हो तब तक इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए.'


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JDU से अलग BJP की राय
वहीं, बीजेपी (BJP) भी चाहती है कि दोनों दिवंगत नेताओं की प्रतिमा का लगाई जाए. राज्य सरकार में मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह की मानें तो 'रामविलास पासवान और रघुवंश प्रसाद सिंह दोनों विभूतियों का नाम आदर से लिया जाता है. इनकी मूर्ति लगे, लोग उन्हें याद करें और इनसे प्रेरणा लें.'


'अरुण जेटली की लगी तो फिर इनकी क्यों नहीं'
इतना ही नहीं, कांग्रेस (Congress) ने भी तेजस्वी की मांग का समर्थन किया है. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा, 'रामविलास पासवान और रघुवंश प्रसाद सिंह की प्रतिमा चौराहे पर लगाई जाए. समाजवादियों का धर्मनिरपेक्षता के कड़ी उपज रहे हैं. अरुण जेटली का बिहार से कोई तालुकात नहीं था बावजूद इसके नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने उनकी प्रतिमा लगाई तो फिर दलितों के बड़े नेता रामविलास पासवान और समाजवादी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह की प्रतिमा क्यों नहीं लगा सकते?'


(इनपुट- शैलेंद्र, और रूपेंद्र)