पटना: केंद्र और राज्य सरकार रोजगार को लेकर तमाम दावें करती हैं. लेकिन इस बीच नेशनल करियर सर्विस पोर्टल (एनसीएसपी) ने जो आंकड़े जारी किए हैं वो सरकारी दावों की पोल खोल रहे हैं. एनसीएसपी के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले एक साल में बिहार में बेरोजगार युवाओं की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है.


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10 महीने में बढ़े 2.5 लाख से अधिक बेरोजगार
मार्च 2021 तक राज्य में पोर्टल पर पंजीकृत बेरोजगार युवाओं की कुल संख्या 78,00,259 थी और पिछले 10 महीनों में यह संख्या 2,67,635 हो गई है. एनसीएसपी एक सरकारी वेबसाइट है जहां बेरोजगार युवा अपना नाम दर्ज कराते हैं, और राज्य सरकारें और केंद्र उन्हें उनके प्रोफाइल के अनुसार और भर्ती प्रक्रियाओं के माध्यम से नौकरी प्रदान करती हैं.


1 साल में तीन गुना वृद्धि
आंकड़ों के अनुसार, बिहार में 2020 की तुलना में 2021 में पोर्टल पर पंजीकरण तीन गुना अधिक था. अक्टूबर 2021 में अधिकतम 63,524 व्यक्तियों ने पोर्टल पर अपना नाम दर्ज कराया. इसके अलावा, जून 2021 में 7,967, जुलाई में 18,017, अगस्त में 20,968, सितंबर में 53,906, नवंबर में 62,983, दिसंबर में 20,766, और इस साल जनवरी में 13,000 व्यक्तियों ने पंजीकरण कराया.


ट्रांसजेंडरों का भी नाम शामिल
आंकड़ों में आगे कहा गया है कि पिछले 10 महीनों में 222 ट्रांसजेंडरों (Transgender) ने भी पोर्टल पर बेरोजगार व्यक्तियों के रूप में अपना नाम दर्ज कराया है. सर्वाधिक 28 ट्रांसजेंडरों ने वैशाली जिले से, अररिया से दो, औरंगाबाद से चार, बांका से एक, बेगूसराय 11, भोजपुर 4, भागलपुर 1, जहानाबाद 1, कैमूर 5, कटिहार 8, खगड़िया 2, किशनगंज 1, लखीसराय 6 से अपना नाम दर्ज कराया. , मधेपुरा 3, मधुबनी 1, मुंगेर 5, मुजफ्फरपुर 13, नालंदा 9, नवादा 3, पश्चिम चंपारण 4, पटना 11, पूर्वी चंपारण 13, पूर्णिया 3, रोहतास 4, समस्तीपुर 8 और सारण से 9 ने नाम दर्ज कराया है.


बेरोजगारी उन मुद्दों में से एक है जहां केंद्र और बिहार सरकार में सत्ताधारी दलों के नेताओं के पास कोई ठोस जवाब नहीं है.


(इनपुट-आईएएनएस)