Vat Purnima 2022: कब है वट पूर्णिमा, जानिए खास पूजा विधि, शुभ तिथि और योग
Vat Purnima 2022: वट पूर्णिमा के दिन काफी खास योग बना रहा है. इस दिन साध्य रोग के साथ शुभ योग लगा रहा है जो काफी अच्छा माना जाता है. 13 जून दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से लेकर 14 जून को सुबह 9 बजकर 40 मिनट तक रहेगा.
पटनाः Vat Purnima 2022: ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत की पूजा की जाती है, ठीक इसी तरह ज्येष्ठ पूर्णिमा को वट पूर्णिमा का अनुष्ठान किया जाता है. सनातन परंपरा में वट वृक्ष का बहुत महत्व है. इस बार वट पूर्णिमा व्रत 14 जून, मंगलवार को रखा जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी के साथ-साथ बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं. इस दिन भी ज्येष्ठ अमावस्या की तरह ही पूजा पाठ किया जाता है. जानिए वट पूर्णिमा व्रत का शुभ मुहूर्त और महत्व.
वट पूर्णिमा पर खास योग
वट पूर्णिमा के दिन काफी खास योग बना रहा है. इस दिन साध्य रोग के साथ शुभ योग लगा रहा है जो काफी अच्छा माना जाता है. 13 जून दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से लेकर 14 जून को सुबह 9 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. इसके साथ ही शुभ योग 14 जून सुबह 9 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 15 जून सुबह 5 बजकर 28 मिनट तक रहेगा.
वट पूर्णिमा व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सुहागिन महिला बरगद के पेड़ की पूजा करते पति की लंबी उम्र के साथ संतान सुख की कामना करती हैं. वट वृक्ष की शाखाओं को सावित्री का रूप माना जाता है. सावित्री ने ही कठिन तपस्या करके अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस ले आई थीं. इसके साथ ही बरगद के पेड़ को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का रूप माना जाता है.
ऐसे करें वट पूर्णिमा की पूजा
इस दिन सुहागिन महिलाएं प्रातः स्नान-ध्यान करके पूजा सामग्री के साथ वट वृक्ष पर एकत्रित होती हैं. इसके बाद वे वृक्ष के चारों तरफ सूत लपेटती हैं और जल, हल्दी, रोली, कुमकुम अर्पित करती हैं. फिर वे विधिवत पूजा करके पति और परिवार के कल्याण की प्रार्थना करती हैं. साथ ही सावित्री एवं सत्यवान की कथा का पाठ करती हैं. अंत में आरती करके पूजा को सम्पन्न करती हैं.
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