मुजफ्फरपुर: Flood in Bihar: जून से सितम्बर तक मानसून के मौसम में जिले के नदी तट क्षेत्र में अतिवर्षा से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना को देखते हुए बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग पूरी तरह तैयार है. मानसून को देखते हुए किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयारी पूरी कर ली गई है. नदी किनारे बसे गांवों को लेकर भी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं. पिछले वर्ष बूढ़ी गंडक नदी में आई बाढ़ के दौरान हुए नुकसान को देखते हुए प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिये तैयारी पूरी कर ली है. जल संसाधन विभाग कार्यपालक अभियंता इंजिनियर बबन पाण्डेय ने कहा कि वर्षा पूर्व से जिले के बड़े बांधों के संधारण एवं आवश्यक मरम्मत कार्य पूर्ण करा लिया गया है. बांध के दोनों तरफ निगरानी रखी जा रही है और जो कटाव स्थल बाले बांधों पर सैंड बैग जमा किया जा रहा है साथ ही कमजोर बांध कि सुदृढ़ीकरण का काम भी शुरू कर दिया गया है. 


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खतरनाक तरीके से आया उफान
जानकारी के मुताबिक, राज्य की आठ प्रमुख नदियों का जलस्तर कई जगहों पर लगातार बढ़ रहा है. इससे भविष्य में आने वाले समय में लगातार बाढ़ का खतरा बना हुआ है. जल संसाधन विभाग ने सभी जगह इंजीनियरों को अलर्ट पर रहने को कहा है. हालांकि विभाग कह रहा है कि खतरे की कोई आशंका नही है, लेकिन जून के दूसरे सप्ताह में नदियों के खतरनाक तरीके से आए उफान को देखते हुए विशेष सावधानी बरती जा रही है. हाल ही में, कोसी और कमला बालन ने अप्रत्याशित रूप से कुछ समय के लिए खतरे के निशान को पार कर लिया. इसके बाद चौकसी बढ़ा दी गई है.


बागमती ने भी डराना किया शुरू
उधर, बिहार में बागमती नदी मानसूनी सीजन में सबसे अधिक डराती है. इस नदी में आये उफान के कारण कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. नदी से निकला पानी मिश्रौली महादलित टोला में प्रवेश कर गया. इससे करीब एक दर्जन घरों में पानी घुस गया. इससे वहां के लोगों का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं क्षेत्र के महेशवाड़ा, साठा व हरखौली चौर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. हालांकि, इससे अभी कोई नुकसान नहीं हुआ है. उधर बलौर में बागमती नदी के कटाव से मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क को सुरक्षित करने के लिए बना बाउंड्री वाल कटाव के कारण रविवार रात में ध्वस्त होकर नदी में बह गया. बागमती नदी की बाढ़ कई बार विनाशकारी साबित हो चुकी है. 


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