शैलेंद्र/पटनाः आरजेडी में हुई रार के बाद अब पार्टी में टूट की भविष्यवाणी की जाने लगी है, जिस तरह से पाटलिपुत्र सीट को लेकर पार्टी के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र का बयान आया है, उन्होंने कहा है कि मैं कोई संत नहीं हूं, पार्टी का सच्चा सिपाही हूं, जो आदेश होगा, उसका पालन करूंगा. इस पर भाजपा का कहना है कि भाई वीरेंद्र ने सीधे तौर पर संकेत दे दिये हैं कि अगर उन्हें पाटलिपुत्र सीट से टिकट नहीं मिलेगा, तो वो आरजेडी से अलग हो जायेंगे. बिहार सरकार में पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा कि वैसे भी भाई वीरेंद्र पहले भी दूसरे दल में रह चुके हैं. 


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आरजेडी पर वार करते हुये भाजपा नेता ने कहा कि अभी ये बहुत छोटा मामला सामने आया है. महागठबंधन में सीट बंटवारा एक सिरदर्द साबित होगा. इसमें शामिल नेताओं की स्थिति तराजू में रखे मेढक जैसी होगी, जो उछल-उछल का बाहर चले जायेंगे. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का अभी तक सच से सामना नहीं हुआ है, जब सीट बंटवारा होगा, तो उन्हें हकीकत का एहसास हो जायेगा. भाजपा के नेता पहले से भी आरजेडी और खास कर लालू परिवार में चल रही रार पर मुखर रहे हैं. पार्टी के नेता पहले भी इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते रहे हैं.


भाजपा की आरजेडी में टूट की भविष्यवाणी का जदयू का भी साथ मिला है. जदयू प्रवक्ता डॉ सुनील कुमार ने कहा कि आरजेडी परिवार की पार्टी है, उसमें परिवार के बाद ही किसी का नंबर आता है. लालू परिवार के सदस्य जेल और बेल के बीच झूल रहे हैं, लेकिन पद भी उन्हीं के पास हैं. राज्यसभा से लेकर विधानसभा और विधान परिषद में परिवार के सदस्य दल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इसके अलावा आरजेडी में जो नेता है, वो दास मानसिकता से ग्रस्त हैं, जिन्हें किसी तरह की यातना और प्रताड़ना भी दी जाती है, तो उसे सहकर नेता का गुणगान करते रहते हैं.


विरोधियों की ओर से भले ही वार किया जा रहा है, लेकिन आरजेडी के नेता इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और लालू परिवार के करीबी जय प्रकाश नारायण यादव का कहना है कि जो सपना भाजपा और जदयू के नेता देख रहे हैं, वो पूरा होनेवाला नहीं है. हां, उन्हें आरजेडी पर सवाल उठाने से पहले अपने एनडीए गठबंधन पर नजर डाल लेनी चाहिये, जिससे छटक-छटक कर राजनीतिक दल बाहर जा रहे हैं. यही, तो स्थिति बनी हुई है, उसके बाद भी दोनों दलों के नेता सबक नहीं ले रहे हैं. 2014 में किन वादों के साथ बिहार की सत्ता में आये थे. उन वादों का क्या हुआ? जय प्रकाश नारायण यादव आगे भी सवाल उठाते हैं. कहते हैं कि 2014 से पहले जिस मंहगाई को भाजपा के लोग डायन बता रहे थे, सरकार बनने के बाद उसे उन्होंने अपनी सहेली बना लिया है.


कांग्रेस के नेता प्रेमचंद मिश्रा पाटलिपुत्र की जंग पर भाई वीरेंद्र के मामले को आरजेडी का अंदरूनी मामला बता रहे हैं. उनका कहना है कि जिस तरह की जानकारी आ रही है, उसमें आरजेडी ने इस मामले को हल कर लिया है. प्रेमचंद मिश्रा कहते हैं कि इस पूरे प्रकरण में भाजपा की स्थिति बेगानी शादी में अब्दुल्ला दिवाना वाली रही है. उसके नेता बेवजह इस मामले को तूल दे रहे हैं, आखिर उनका इसमें क्या इंटरेस्ट हो सकता है. उन्हें अपने घर को देखना चाहिये, जहां गोपाल नारायण सिंह जैसे नेता बिहार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं. उनके सवालों का जवाब पार्टी को देना चाहिये.
 
आरजेडी में लड़ाई की वजह पाटलिपुत्र सीट बनी थी, जहां से भाई वीरेंद्र चुनाव लड़ना चाह रहे हैं, लेकिन इस बीच तेज प्रताप ने पाटलिपुत्र सीट से बहन मीसा भारती के चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी और मनेर पहुंच गये. उन्होंने भाई वीरेंद्र को औकात में रहने तक की नसीहत दे डाली, जिसके बाद मामला बिगड़ता दिखा. इस बीच मौके की तलाश में रही विपक्षी पार्टियों ने आरजेडी पर हमला करना शुरू कर दिया. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ये कहकर डैमेज कंट्रोल किया कि सीट का मामला संसदीय कमेटी में तय होगा, जिस पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुहर लगायेंगे. आरजेडी की ओर से भले ही इस मामले को खत्म करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन विपक्षी लगातार निशाना साध रहे हैं.