Patna: BJP नेता और राज्यसभा के सासंद सुशील मोदी ने भाजपा महादलित प्रकोष्ठ की ओर से प्रदेश कार्यालय के अटल सभागार में आयोजित संत शिरोमणि रविदास जी महाराज की 644 वीं जयंती पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस, RJD जैसे कुछ विपक्षी दल साजिशन ईसाई व मुस्लिम धर्म में धर्मान्तरित दलितों के लिए भी आरक्षण की मांग करते हैं. मगर संविधान में हिन्दू, सिख व बौद्ध धर्मावलम्बी दलितों के लिए ही आरक्षण का प्रावधान है, ऐसे में भाजपा मुस्लिम व ईसाई धर्म को अपनाने वाले दलितों के लिए किसी भी कीमत पर आरक्षण के पक्ष में नहीं है.


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उन्होंने कहा, ' BJP एसएसी (SC), एसटी (ST) की नौकरियों के आरक्षण में क्रीमी लेयर में पक्ष में नहीं है. इसीलिए नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार ने न केवल इसका पुरजोर विरोध किया है, बल्कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 7 जजों की बेंच में भेजने की मांग की है. इसी प्रकार जब सुप्रीम कोर्ट ने एससी, एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के कुछ प्रावधानों को हटाया तो नमो सरकार ने संविधान में संशोधन कर न केवल उसे पुनस्र्थापित किया बल्कि 23 नई धाराओं को जोड़ कर उसे और भी कठोर बनाया.' 


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सुशील मोदी ने कहा, 'बिहार में NDA की सरकार ने पंचायत चुनाव में एकल पदों पर 16 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया जबकि 15 साल तक बिहार में चली पति-पत्नी की सरकार ने एकल पदों पर आरक्षण दिए बिना पंचायत का चुनाव करा लिया था. NDA की सरकार आने के बाद राज्य में न एक रसंहार हुआ, न एक भी दलित नरसंहार में मारा गया जबकि RJD की सरकार के दौरान हुए छह नरसंहारों में 165 दलित मारे गए थे. 


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उन्होंने कहा कि NDA की सरकार ने एससी समुदाय से 9,500 विकास मित्र, 4,842 ममता, 19,232 टोला सेवकों की नियुक्ति की. बीपीएससी (BPSC) और यूपीएससी (UPSC) की पीटी पास करने वाले दलित युवकों के आगे की तैयारी के लिए 50 हजार और एक लाख रुपये देने का प्रावधान किया जिसके तहत अब ढाई हजार को सहायता दी गई है.