पटना: बिहार के पटना स्थित एएन सिन्हा इंस्टिट्यूट में आंबेडकर के लोग बैनर के तहत एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर के 64 वी पुण्य तिथि के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके विचारों पर चर्चा की गयी. बिहार लोक सेवा आयोग की सदस्य प्रो. दीप्ती कुमारी और आहर पाइन बचाओ अभियान के राष्ट्रीय संयोजक डॉ एम पी सिन्हा ने अपने विचार रखे. 


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वही 'आंबेडकर के लोग' के अध्यक्ष डॉ योगेंद्र पासवान ने दलितों के उत्थान के लिए बाबा साहेब के द्वारा किये गए कार्यों को गिनाते हुए उनके रस्ते पर चलने की अपील की. मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए सुशील कुमार मोदी ने महात्मा गांधी और भीम राव आंबेडकर के कार्यों को गिनाते हुए इन दोनों महापुरुषो की भूमिका को दलित उत्थान के लिए रेखांकित किया. 


बाबा साहेब भीम राव अंबेदकर की 64वीं पुण्यतिथि समारोह को सम्बोधित करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Modi) ने एसटी/एससी के आरक्षण को 2030 तक बढ़ाने पर नमो सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि जब तक समाज में भेदभाव, छुआछूत आदि रहेगा तब तक लोकसभा, विधानसभा व सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था जारी रहनी चाहिए. 


उन्होंने कहा कि यह आरक्षण महात्मा गांधी और अम्बेदकर की देन है. बिहार विधानसभा में 38 सीटें आरक्षित हैं, जहां एससी,एसटी के लोग जीत कर आते हैं, मगर विधान परिषद और राज्यसभा में आरक्षण की व्यवस्था नहीं रहने से वहां इनकी संख्या नगण्य हैं. 


सुशील मोदी ने कहा कि बीजेपी एसटी, एससी के आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में है. केन्द्र की नमो सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर उसे लागू करने से इनकार कर दिया है. अत्याचार निवारण अधिनियम की कुछ धाराओं को जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा निरस्त किया तो केन्द्र की सरकार ने उसमें 23 अन्य नई धाराएं जोड़ कर उसे और मजबूत किया. 


उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अम्बेदकर की उपेक्षा की मगर 1989 में बीजेपी के सहयोग से गठित वीपी सिंह की सरकार में संसद में तैल चित्र लगाने के साथ अम्बेदकर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया. नमो सरकार अम्बेदकर के पंचतीर्थ को चिन्हित कर वहां भव्य स्मारक बनवा रही हैं वाजपेयी की सरकार ने संविधान संशोधन कर एससी, एसटी के लिए प्रोमोशन में आरक्षण का प्रावधान किया. 


सुशील मोदी ने कहा कि 2005 के पहले की पूर्ववर्ती सरकारों ने बिहार में 23 साल तक पंचायत का चुनाव नहीं कराया और जब 2003 में चुनाव कराया तो एकल पदों पर एससी, एसटी को आरक्षण से वंचित कर दिया, मगर एनडीए की सरकार ने उन्हें 17 प्रतिशत आरक्षण दिया.