Buxar Candidate Mithilesh Tiwari: भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 में मिथिलेश तिवारी को बक्सर का अगला उत्तराधिकारी चुना है. इनसे पहले केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे यहां से सांसद थे. इस बार मिथिलेश तिवारी लोक सभा चुनाव 2024 के चुनावी रण में उतर चुके हैं. अगर इनके करियर की बात करें तो उन्होंने 90 के दशक में राजनीति के मैदान में कदम रखा. उस समय बिहार में नए नेताओं के लिए राजनीतिक अवसर कम थे, लेकिन उन्हें लालू-राबड़ी के शासनकाल के खिलाफ हमेशा खड़े रहें. उन्होंने गांवों में सड़कों और बिजली के अभाव के मुद्दे पर राजनीति की शुरुआत की. मिथिलेश तिवारी बीजेपी के सक्रिय नेताओं में से एक हैं. उन्हें बक्सर लोकसभा सीट से टिकट मिला है. आइए मिथिलेश तिवारी के बारे में जानें कुछ खास बातें.


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तिवारी बैकुंठपुर से जीत चुके है विधायक का चुनाव
मिथिलेश तिवारी का जन्म बिहार के गोपालगंज जिले के डुमरिया गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम स्व. देवनारायण तिवारी था. मिथिलेश ने अर्थशास्त्र में ऑनर्स किया है. वे विवाहित हैं और उनकी पत्नी का नाम सविता देवी है. उनके दो बच्चे हैं. 2015 में उन्होंने बैकुंठपुर से विधायक के रूप में चुनाव जीत चुके हैं. उन्होंने बिहार बीजेपी में कई पदों पर काम किया है और संगठन में भी अनुभव है.


भाजपा से जुड़कर कई पदों पर कर चुके हैं काम
मिथिलेश तिवारी ने बीजेपी में कई पदों पर काम किया है. उन्होंने प्रदेश उपाध्यक्ष, बीजेपी युवा मोर्चा दिल्ली प्रदेश प्रभारी और बीजेपी बिहार के पद पर भी काम किया है. उन्होंने प्रदेश मंत्री के पद को भी संभाला है. उन्होंने बीजेपी क्रीड़ा मंच में प्रदेश मंत्री का कार्य संभाला है. वे पटना के जानकी कुटीर अपार्टमेंट में रहते हैं. उन्होंने कला संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ विदेश यात्रा भी की है. वह मॉरीशस गए थे और वहां एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी.


2000 में गोपालगंज से लड़ा था चुनाव
मिथिलेश तिवारी ने 2000 में कटेया विधानसभा क्षेत्र गोपालगंज से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. उन्हें कला, खेल और साहित्य में गहरी रुचि है. 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कुल 56,162 वोट मिले थे, जबकि उनके विरोधी मंजीत कुमार सिंह को 42,472 मत मिले थे. अब पार्टी ने उन्हें बक्सर लोकसभा सीट के उम्मीदवार बनाया है. यह सीट ब्राह्मण बहुल सीट मानी जाती है, जिसमें भूमिहार और राजपूत वोटर भी होते हैं. बीजेपी ने इस सीट पर कई दशकों से कब्जा रखा है. मिथिलेश तिवारी को अब अश्विनी चौबे के किए गए वादों को पूरा करने की चुनौती है और बक्सर के विकास के संकल्प को पूरा करना होगा.


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