कौन हैं सुजीत कुमार, जिन्हें लेटरल एंट्री के जरिए मोदी सरकार में मिली है बड़ी तैनाती?
Lateral Entry News: देश में लेटरल एंट्री विवाद के बीच सुजीत कुमार बाजपेयी की चर्चा हो रही है. लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर सुजीत कुमार कौन हैं? नियुक्ति किस तरह से मोदी सरकार में बड़े पद पर हुई है.
Lateral Entry: सरकारी पदों पर लेटरल एंट्री को लेकर चल रहे विवाद के बीच संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 45 पदों के लिए 20 अगस्त, 2024 दिन मंगलवार को होने वाली भर्ती प्रक्रिया रोक दी है. यूपीएससी ने संयुक्त सचिव, उप सचिव और निदेशक जैसे पदों पर भर्ती के लिए 7 अगस्त को एक विज्ञापन जारी किया था. इस फैसले ने महत्वपूर्ण राजनीतिक बहस छेड़ दी, विशेष तौर से बॉलीवुड स्टार मनोज बाजपेयी के भाई सुजीत कुमार बाजपेयी की नियुक्ति को लेकर. आइए जानते हैं कि कौन हैं सुजीत कुमार.
डॉ. सुजीत कुमार बाजपेयी को जानिए
डॉ. सुजीत कुमार बाजपेयी वर्तमान में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत हैं. इस उच्च रैंकिंग पद पर उनकी नियुक्ति ने कई लोगों को हैरान कर दिया, यह देखते हुए कि उन्होंने पहले सार्वजनिक क्षेत्र के बिजली उत्पादक एनएचपीसी में सीनियर मैनेजर के रूप में काम किया था. कई लोगों को इतना अनुभव सरकारी विभाग के लिए कम लगता था.
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सुजीत बाजपेयी साल 2001 में एनएचपीसी में शामिल हुए और केंद्र सरकार की भूमिका में आने से पहले उन्होंने करीब 19 वर्षों तक वहां सेवा की. साल 2019 में लेटरल एंट्री सिस्टम के तहत 8 संयुक्त सचिव पदों पर नियुक्तियां की गईं. साल 2022 में 30 अधिकारियों (तीन संयुक्त सचिवों और 27 निदेशकों समेत) का चयन किया गया. साल 2023 तक, 37 पदों पर भर्ती की सिफारिश की गई थी, जिसमें संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों सहित 20 अधिकारियों को नियुक्त किया गया था. पिछले पांच वर्षों में, पार्श्व प्रविष्टि के माध्यम से 63 नियुक्तियां की गई हैं, और वर्तमान में 57 अधिकारी ऐसे पदों पर कार्यरत हैं.
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