मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए है कि, मध्यम दर्जे की बारिश के साथ वज्रपात का पूर्वानुमान लगाया है. इस दौरान 30-40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है.
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पटना: बिहार की राजधानी पटना मंगलवार को मौसम (Patna Weather) का मिजाज बदल गया. मौसम का मिजाज बदलने से लोगों को गर्मी से राहत मिली तो वहीं, तापमान (Temperature) में भी थोड़ी गिरावट देखने को मिली. इस दौरान, हल्की तेज हवाओं के साथ आसमान में बादल छाए रहे.
वहीं, मौसम विभाग (Metrological Department) की मानें तो, बिहार में चक्रवातीय तूफान 'अम्फान' का बहुत असर देखने को नहीं मिलेगा. लेकिन इसका थोड़ा बहुत असर पूर्वी बिहार में देखने को मिल सकता है. मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए है कि, मध्यम दर्जे की बारिश के साथ वज्रपात का पूर्वानुमान लगाया है.
विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटे (Kmh) की रफ्तार से हवा चल सकती है. वहीं, राजधानी में मौसम का मिजाज बदलने से आम लोग के साथ, पशु-पक्षी राहत महसूस कर रहें. जबकि पटना की सड़कों पर मोर भी चहलकदमी कर रहे हैं.
इधर, मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो, साइक्लोन का बिहार में असर नहीं होगा. आसमान में बादल और हल्की बारिश की संभावन है. आपदा वाली स्थिति नहीं है. साइक्लोन का असर कोस्टल क्षेत्रों (Coastal Area) में होगा. जबकि बिहार मैदानी इलाका है.
बता दें कि, चक्रवात 'अम्फान' के कारण बुधवार को पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भारी नुकसान की संभावना जताई गई है. गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि, राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्य सरकारों से कहा कि, वे निचले इलाकों से लोगों की समय पर और पूरी तरह से निकासी सुनिश्चित करें और पर्याप्त मात्रा में आवश्यक आपूर्ति (पानी, भोजन, दवाई इत्यादि) बनाए रखें.
राज्यों को यह भी सलाह दी गई है कि, सड़कों को खाली करने से लेकर निकासी और अन्य बहाली के काम के लिए टीमों को तैयार रखा जाए. दोनों राज्यों के तटीय जिलों में 155 से 165 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना जताई गई है. हवा की अधिकतम रफ्तार 185 किमी प्रति घंटे भी हो सकती है. इसके अलावा तूफान के साथ ही भारी बारिश की भी संभावना जताई गई है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बैठक में कहा है कि 'अम्फान' के पश्चिम बंगाल तट पर 20 मई की दोपहर या शाम तक पहुंचने की संभावना है और इससे पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता जिले प्रभावित हो सकते हैं.