ट्रांसफार्मर कोबरा बटालियन मुख्यालय बरही में लगाया जाना था. इसी को लेने के लिए 203 बटालियन मुख्यालय में तैनात सिपाही मो. सगीर जब बागीतांड स्थित बिजली विभाग के स्टोर पहुंचे तो उनसे 1000 रुपए की मांग की जाने लगी.
Trending Photos
गजेंद्र बिहारी, कोडरमा: सरकार का कहना है कि भ्रष्टाचार खत्म हो गया है, लेकिन कोडरमा से जो खबर सामने आ रही है उसे देखकर दावा गलत साबित होती दिख रही है. दरअसल, कोडरमा के बागीटांड स्थित ट्रांसफार्मर एवं इलेक्ट्रिक इक्यूपमेंट स्टोर से ट्रांसफार्मर देने के नाम पर अवैध वसूली का मामला सामने आया है. बरही स्थित 203 बटालियन कोबरा का एक जवान अपनी गाड़ी लेकर स्टोर आया तो उसे ट्रांसफार्मर देने के नाम पर एक हजार रुपए की वसूली की गई.
यह ट्रांसफार्मर कोबरा बटालियन मुख्यालय बरही में लगाया जाना था. इसी को लेने के लिए 203 बटालियन मुख्यालय में तैनात सिपाही मो. सगीर जब बागीतांड स्थित बिजली विभाग के स्टोर पहुंचे तो उनसे 1000 रुपए की मांग की जाने लगी.
सिपाही मोहम्मद साबिर के अनुसार स्टोर से ट्रांसफार्मर टेंपो में लोडिंग के एवज में उससे जबरदस्ती पैसा मांगा जाने लगा. इस दौरान सिपाही ने अपना परिचय भी दिया लेकिन फिर भी उससे जबरन एक हजार रुपए लिए गए. हालांकि बाद मे जवान को पांच सौ रुपए वापस कर दिए गए. इस मामले में स्टोर के बाहर खड़े पैसा लेने वाले कर्मी पिंटू और रंजीत की अपनी दलील है. इनका कहना है कि वे लोग लंबे समय से इस स्टोर में काम करते थे लेकिन उन्हें किसी तरह का भुगतान नहीं किया जाता था. इसी कारण वे ट्रांसफार्मर ले जाने वाले लोगों से लोडिंग अनलोडिंग के नाम पर पैसे की वसूली करते हैं.
यह कोई पहला मामला नहीं है. पहले भी इस तरह की शिकायतें मिलती रही है लेकिन इस बार ये घटना कोबरा बटालियन के एक जवान के साथ हुई है और ये ट्रांसफार्मर कोबरा बटालियन मुख्यालय में लगाया जाना था. फिलहाल झारखंड में नक्सली खात्मे में 203 कोबरा बटालियन की अहम भूमिका है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब जवानों से ही अवैध वसूली की जाती हो तो आम लोगों के साथ क्या होता होगा.
हालांकि इस मामले में सीनियर स्टोर कीपर विनोद कुमार का कहना है कि उन्हें विभाग के वरीय अधिकारियों से ट्रांसफार्मर देने के एवज में पैसे लेने की मामले की जानकारी फोन से मिली थी. विनोद कुमार की दलील है कि सारे मजदूर प्राइवेट है और ये लोग जो पैसे की वसूली करते हैं उससे इनका कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि अगर मजदूरों ने नाजायज पैसे लिए हैं तो उन पर करवाई की जायेगी.
--Shubham Saxena, News Desk