गोड्डा : लोकसभा चुनाव से पहले झारखंड की सियासत में गोड्डा हॉट लोकसभा सीट बन गया है. संथाल के तीनों लोकसभा को साधने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तक को गोड्डा पहुंचना पड़ा तो वहीं, महागठबंधन के गणित तक को बिगाड़ कर रख दिया है. विपक्ष के सामने अब यह सवाल है कि जीत का फॉर्मूला जरूरी है या फिर 18 प्रतिशत मुस्लिम वोट बैंक की सियासत.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लोकसभा की 14 सीटों में से अभी 12 पर बीजेपी का कब्जा है, लेकिन महागठबंधन में बीजेपी को घरेने की रणनीति गोड्डा आकर उलझ गयी है. जेवीएम के प्रदीप यादव के लिए बाबूलाल इस सीट के लिए अड़े हुए हैं. वहीं, 18 प्रतिशत वोट बैंक के बूते कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी अपने पिता फुरकान के लिए यह सीट किसी सूरत में छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.


एक तरफ विपक्ष जीत के फॉर्मूले के आधार पर सीटों का बंटवारा चाहता है, इसीलिए अब कांग्रेस के इरफान और फुरकान को जेएमएम का भी साथ मिलता नहीं दिख रहा है.


अपने पिता फुरकान अंसारी के लिए गोड्डा सीट हासिल करने की हसरत लिए इरफान गोड्डा से रांची होते दिल्ली तक की दौर लगा रहे हैं. गोड्डा में मुस्लिम वोट बैंक को अपना मजबूत आधार बताकर किसी सूरत में गोड्डा सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. इरफान के लिए जीत का फॉर्मूला मुसलमान वोट बैंक ही बन गया है. 


गोड्डा लोकसभा सीट को ही संथाल में अपना केंद्र बिंदु बनाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से टिप्स लेकर बीजेपी सभी सीट जीतने का दावा कर रही है. बीजेपी विधायक अमित मंडल भी इसे हॉट सीट मानते हैं. साथी ही राजमहल और दुमका सीट नहीं जीत पाने की टीस भी झलकती है.


चुनाव से पहले चुनावी गणित बैठाने की कोशिश में एक तरफ बीजेपी अपने सांगठनिक कार्यक्रम को रफ्तार देने में जुटी है, तो विपक्ष महागठबंधन में गोड्डा में जीत का फार्मूला और वोट बैंक की सियासत में उलझा हुआ है.