उन्होंने कहा कि पेंच तो महागठबंधन के अंदर फंसा है जहां कांग्रेस भीख मांग रही है लेकिन आरजेडी को कोई फर्क ही नहीं पड़ता है. चिठ्ठी लिख कर राज्यसभा सीट की भीख मांगी जा रही है लेकिन दिक्कत यह है कि आखिर चिठ्ठी लिखी किसे गई है?
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पटना: होली कां रंग खत्म हो गया है. अब बारी सियासी रंग की है. बिहार में फिलहाल राज्यसभा को लेकर पेंच फंसा हुआ है. एक तरफ एनडीए है जिसने नामांकन के दो दिन पहले तक किसी भी नाम का ऐलान नहीं किया है तो दूसरी तरफ महागठबंधन है जहां कांग्रेस आरजेडी से गुहार लगा रही है, वादे याद दिला रही है और एक सीट की मांग पर अडिग है, लेकिन आरजेडी के कानों पर जू तक नहीं रेंग रहा है.
इसको लेकर अब विरोधी दलों ने चुटकियां भी लेनी शुरू कर दी है. इधर जेडीयू नेता अजय आलोक से बातचीत में उन्होंने कहा कि एनडीए में राज्यसभा को लेकर कोई उथल-पुथल नहीं है. जेडीयू के खाते में आई एक सीट पर भी राज्यसभा सदस्य का ऐलान जल्द कर दिया जाएगा. पार्टी के वरिष्ठ नेता इस पर जल्द ही मंथन कर के नाम की घोषणा करेंगे.
इसके अलावा उन्होंने महागठबंधन के अंदर की खींचतान पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि पेंच तो महागठबंधन के अंदर फंसा है जहां कांग्रेस भीख मांग रही है लेकिन आरजेडी को कोई फर्क ही नहीं पड़ता है. चिठ्ठी लिख कर राज्यसभा सीट की भीख मांगी जा रही है लेकिन दिक्कत यह है कि आखिर चिठ्ठी लिखी किसे गई है?
तेजस्वी पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि अगर लालू जी के अलावा किसी को चिठ्ठी लिखी गई है तो उन्हें चिठ्ठी पढ़ने भी तो आना चाहिए न. इसके बाद आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि महागठबंधन में राज्यसभा की सीट को लेकर कोई पेंच नहीं है. दोनों सीटों पर आरजेडी के उम्मीदवार ही होंगे.
आरजेडी नेता ने कहा कि कांग्रेस हमारी पुरानी सहयोगी रही है. दिल्ली में उनके नेतृत्व में और यहां आरजेडी के नेतृत्व में गठबंधन आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि बताशा के लिए कोई मंदिर नहीं तोड़ेगा. संख्याबल हमारे पास है. हम पहले ही अपने गठबंधन में सहयोगियों की मदद करते आ रहे हैं. इस बार दोनों सीट आरजेडी के उम्मीदवारों के लिए ही होगी.