पटना: बिहार विधानसभा के निर्दलीय सदस्य सुमित सिंह और बसपा सदस्य जमा खान जेडीयू में शामिल हो गए. इस पर विपक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि जेडीयू (JDU) बिहार में जोड़-तोड़ की राजनीति कर रही है. इस तरह की राजनीति पार्टियों के लिए कोई नई बात नहीं है.


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पहले भी बिहार में अपनी सुविधा के अनुसार राजनीतिक पार्टियां और विधायक दल-बदल करते रहे हैं. बिहार में कैबिनेट का विस्तार होना है और उससे पहले निर्दलीय विधायक सुमित सिंह (MLA Sumit Singh) और बीएसपी (BSP) के विधायक जमा खान को जेडीयू में ज्वाइन (join) करने पर राजनीति तेज हो गई है. वही कांग्रेस (Congress) के प्रवक्ता राजेश राठौर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर  निशाना साधते हुए कहा, 'उनका कोई वजूद नहीं है. इनका राजनीतिक वजूद जोड़-तोड़ के हिसाब से है.


उन्होंने कहा, 'आज तक जिन्होनें इन्हें मदद किया उसी को वह धोखा दिया, चाहे वह जॉर्ज फर्नांडीस हो शरद जी हो या नरेंद्र सिंह हों. जब नीतीश कुमार (Nitish Kumar) लालू यादव (Lalu Yadav) से अलग हुए तो उनको खड़ा करने वाले नरेंद्र सिंह थे. उसी नरेंद्र सिंह को इन्होंने ठग लिया. साथ ही उनके बेटे सुमित सिंह को भी ठगने लगे हैं, लेकिन ,नीतीश कुमार के जाल में सुमित सिंह दोबारा फिर कैसे फंस गए वह फिर ठगे जाएंगे.


उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार देश के नंबर 1 ठग नेता हैं.  जिसको साथ लाते हैं उसी को फिर भगा देते हैं. उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) को भी नीतीश कुमार ने ही धोखा दिया और अब उपेंद्र कुशवाहा भी आने को आतुर हैं. उपेंद्र कुशवाहा जी फिर आप ठगे जाएंगे. नीतीश कुमार के जाल में फिर फंसे तो गए.'


विपक्ष के निशाना साधे जाने पर जेडीयू (JDU) के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, 'वह जेडीयू  विधान मंडल के सदस्य होना चाह रहे हैं और उनकी छवि अच्छी है तो निसंदेह पार्टी को कोई एतराज नहीं है. उसमें विपक्ष को यह बात नहीं पचती है तो यह उनकी परेशानी है. हर पार्टी को अधिकार है कि वह अपने विधानमंडल दल का विस्तार करें और पार्टी का भी विस्तार करें इसमें दूसरे दल का क्या मतलब. इसलिए उनके परेशानियों का हमारे पास कोई इलाज नहीं है.


वही आरजेडी (RJD) एमएलसी (MLC) रामबली सिंह चंद्रवंशी ने निर्दलीय विधायक सुमित सिंह और बीएसपी के विधायक जमा खान को जेडीयू में शामिल होने पर कहा, 'नीतीश कुमार जी की यह प्रवृत्ति रही है, येन केन प्रकारेण सत्ता में बने रहना. यह सिद्धांत  भिन्न  राजनीति का बड़ा चेहरा है. इसलिए ,वह हमेशा जहां मौका मिलता है उसको तोड़ना उसको जोड़ना उसमे लगे रहते है. यह राजनीतिक अवसरवादी का बहुत बड़ा नमूना है.


तो वही जेडीयू के समर्थन में बीजेपी (BJP) उत्तर गई है. पार्टी के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि अगर यह विधायक जदयू की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं तो विपक्ष को हाय तौबा मचाने की कोई जरूरत नहीं है. सभी विधायक अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. क्षेत्र में वादे करके आए हैं उन वादों को पूरा ना करके जनता का विश्वास पर खरा नहीं उतरेंगे तो आगे उन्हें ही परेशानी होगी इसलिए वह सरकार के साथ मिलकर के अपने क्षेत्र का विकास करना चाहते हैं.