झारखंड: RIMS की बड़ी लापरवाही आई सामने, कोरोना मरीज को ऑटो से भेजा CCL हॉस्पिटल
रिम्स प्रबन्धन के द्वारा नो बेड लिखकर सीसीएल रेफर किया गया था. ऐसे में ऑटो से हीं नर्सों के द्वारा कोविड वार्ड मरीज को भेजा गया.
रांची: राजधानी रांची में एक हैरान करने वाला मामला रविवार को सामने आया है. दरअसल, रिम्स (RIMS) से कोविड-19 (COVID-19) पीड़ित को ऑटो पर बैठाकर कांके रोड स्थित सीसीएल अस्पताल भेजा गया. यहां पर मरीज और परिजन दोनों सीधे जनरल वार्ड पहुंच गए. वहां जब नर्सों के द्वारा पूछताछ किया गया तब वहां, कोविड-19 का मरीज पाया गया.
जानकारी के अनुसार, रिम्स प्रबन्धन के द्वारा नो बेड लिखकर सीसीएल रेफर किया गया था. ऐसे में ऑटो से हीं नर्सों के द्वारा कोविड वार्ड मरीज को भेजा गया. यहां मरीज को उतार लिया गया. जबकि परिजनों और ऑटो चालक को छोड़ दिया गया. इस दौरान ना ही उनकी कोई जांच हुई और ना ही कोई सुरक्षा की व्यवस्था की गई.
दरअसल, रिम्स में सामान्य कोरोना मरीज को अब नो एंट्री कर दी गई है और 61 बेड फुल हो चुके हैं. जानकारी के अनुसार, रिम्स में 100 बेड का कोविड वार्ड तैयार किया गया था. इसमें 39 क्रिटिकल मरीज के लिए बेड तैयार किए गए हैं. जिसमें कई मरीज भर्ती हैं.
वहीं, रिम्स अधीक्षक विवेक कश्यप ने पुष्टि किया है कि, जिला प्रशासन को पत्र लिखकर जानकारी दिया जा रहा है. रिम्स में अब एक भी बेड खाली नहीं है. हालांकि, रांची सिविल सर्जन विजय बिहारी प्रसाद ने कहा कि, फिलहाल बेड की ऐसी दिक्कत नहीं हुई है. हम सभी वैकल्पिक व्यवस्था के लिए लगे हुए हैं.
उन्होंने कहा कि, हां यह जरूर है कि कोरोना वायरस के तार पिछले 10 दिनों में काफी तेजी से बढ़ा है और इसके मद्देनजर हम सभी फिलहाल तीन जगहों पर 50 से अधिक बेड की व्यवस्था करने में जुटे हुए हैं. रिम्स में सीट की क्या स्थिति है इसका हमने जानकारी रिम्स अधीक्षक से मांगा है और उसके हिसाब से फिर आगे की व्यवस्था की जाएगी.
विजन बिहारी ने कहा कि, रातू, पिठोरिया और डॉक्टर शम्भू के अस्पताल में भी बेड की व्यवस्था की जा रही है. साथ में निजी अस्पतालों में कोई मरीज इलाज के लिए वहां जाता है तो, उसे वो उसे बाहर नहीं भेज सकते हैं. उनकी व्यवस्था वहीं उसी अस्पताल को करना होगा और पूरा इलाज करना होगा.