PMCH में Corona Warriors ने कामकाज किया ठप, कहा- प्रशस्ति पत्र दिया पर नहीं मिला वेतन
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PMCH में Corona Warriors ने कामकाज किया ठप, कहा- प्रशस्ति पत्र दिया पर नहीं मिला वेतन

जब इसकी शिकायत प्रबंधन से की गई तो नियुक्ति से ही इंकार कर दिया. इसकी एक बानगी PMCH अस्पताल में देखने को मिली है, जहां कोरोना वारियर्स को वेतन नहीं दिया जिसके कारण योद्धाओं ने काम काज ठप्प कर दिया. 

PMCH में Corona Warriors ने कामकाज किया ठप, कहा- प्रशस्ति पत्र दिया पर नहीं मिला वेतन.

पटना: बिहार की राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में संविदा पर बहाल कोरोना वारियर्स ने काम काज ठप कर पीएमसीएच (PMCH) प्रबंधन पर चार माह से वेतन नहीं देने का आरोप लगाया है. इसके कारण कोविड वार्ड में मरीजों की परेशानी बढ़ गई है.

बताते चलें कि कोरोना महामारी में कोरोना वारियर्स (Corona Warriors) पर हेलिकॉप्टर से पुष्प की बरसात कर स्वागत किया है. वारियर्स को सबसे बड़े योद्धा का नाम दिया गया, लेकिन पीएमसीएच (PMCH) अस्पताल में कोरोना महामारी में वारियर्स को नियुक्ति के बाद वेतन रोक लिया गया.

जब इसकी शिकायत प्रबंधन से की गई तो नियुक्ति से ही इंकार कर दिया. इसकी एक बानगी PMCH अस्पताल में देखने को मिली है, जहां कोरोना वारियर्स को वेतन नहीं दिया जिसके कारण योद्धाओं ने काम काज ठप्प कर दिया. 

आपको बता दें कि कोरोना को लेकर देशभर में अबतक एक लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. अभी भी सैकड़ों लोग जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहें हैं.

इस पूरे काल मे योद्धाओं ने कवच की तरह पीड़ितों का मदद किया. कई लोगों की जान बचाया है. इसके लिए देश भर कोरोना योद्धाओं को पुष्प और प्रशस्ति देकर सम्मानित किया गया, लेकिन कोरोना काल में कई ऐसे योद्धा हैं जिन्हें सम्मान तो दूर वेतन तक नहीं दिया गया. इसे लेकर कही न कही प्रबंधन पर सवाल खड़ा हो गया है.

वही, कोरोना योद्धा ने बताया कि बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच (PMCH) कोविड वार्ड (Covid Ward) में वार्ड बॉय के तौर पर 40 से अधिक लोगों को नियुक्ति कराई गई थी. इसका प्रमाण रजिस्टर पर हाजिरी भी है और ये बताया गया था कि प्रत्येक माह 16 हजार रुपए दरमाहा दिया जायगा, लेकिन छह माह हो गए अबतक दो माह का ही वेतन दिया गया है. जबकि छह माह का हाजिरी भी बनाया गया है.

जब वारियर्स ने अपनी फरियाद मेडिकल अधीक्षक विनय कारक को सुनाया तो साफ तौर पर इंकार करते हुए अधीक्षक ने किसी तरह नियुक्ति से इंकार कर दिया. इसके कारण संविदा पर बहाल सभी कोरोना योद्धाओं ने काम काज ठप कर जबतक वेतन नहीं तबतक काम नहीं करने का ऐलान कर दिया है. 

अब सवाल यह है कि एक ओर कोरोना योद्धा को पुष्प और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जाता है और दूसरी ओर वेतन तक नहीं दिया जाता है.