Bihar: Republic Day parade के मौके पर CPI-ML निकालेगी मशाल जुलूस, किसानों का देगी साथ
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Bihar: Republic Day parade के मौके पर CPI-ML निकालेगी मशाल जुलूस, किसानों का देगी साथ

वक्ताओं ने 30 जनवरी को महागठबंधन (Mahagathbandhan) के आह्वान पर आयोजित मानव शृंखला (Human Chain) को ऐतिहासिक बनाकर तानाशाह मोदी सरकार को सबक सिखाने का आह्वान किया है.

Bihar: Republic Day parade के मौके पर CPI-ML निकालेगी मशाल जुलूस, किसानों का देगी साथ.

पटना: भाकपा-माले के राज्यव्यापी आह्वान पर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी (MSP) को कानूनी दर्जा देने की मांग पर आज पूरे राज्य में मशाल जुलूस का आयोजन किया गया. माले नेता धीरेन्द्र झा ने कहा कि देश में चल रहे किसान आंदोलन ने आजादी के आंदोलन के दौर के जागरण जैसी स्थिति पैदा की है. आज पूरा देश मोदी सरकार की विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ एकजुट हो रहा है. 

देश की जनता किसान आंदोलन (Farmers movement) के पक्ष में मजबूती से खड़ी है और वह कह रही है कि इस देश में दूसरा कंपनी राज हम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि देश के संविधान व लोकतंत्र पर लगातार हो रहे हमले के खिलाफ उन्होंने देश की जनता से गणतंत्र की अपनी दावेदारी को फिर से बुलंद करने का आह्वान किया.

बाकी नेताओं ने कहा कि तीनों कृषि कानून न केवल किसान विरोधी हैं, बल्कि पूरे देश के खिलाफ है. आज देश में आजादी की दूसरी लड़ाई आरंभ हो चुकी है. देश की जनता का यह जो नवजागरण है इसमें कारपोरेटपरस्त मोदी सरकार (Modi government) को जाना होगा. हम मांग करते हैं कि तीनों किसान विरोधी कानूनों को तत्काल रद्द किया जाए, एमएसपी को कानूनी मान्यता प्रदान की जाए. 

वक्ताओं ने 30 जनवरी को महागठबंधन (Mahagathbandhan) के आह्वान पर आयोजित मानव शृंखला (Human Chain) को ऐतिहासिक बनाकर तानाशाह मोदी सरकार को सबक सिखाने का आह्वान किया है.

उन्होंने कहा कि अब बिहार में भी किसान जागरण हो रहा है. 29 दिसंबर के ऐतिहासिक राजभवन मार्च के बाद अब 30 जनवरी की मानव शृंखला में भी किसानों सहित नागरिकों, खेतिहर मजदूरों व अन्य तबकों की ऐतिहासिक भागीदारी होने वाली है. कल गणतंत्र दिवस के अवसर पर बिहार के ग्रामीण इलाकों में ट्रैक्टर मार्च का आयोजन होगा. पटना में एम्स से लेकर चितकोहरा तक ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा.

राजधानी पटना के अलावा अन्य जिलों में भी मशाल जुलूस निकाला गया और तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की गई.

इसका नेतृत्व पार्टी की पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, पटना नगर के सचिव अभ्युदय, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केडी यादव, ऐपवा की बिहार राज्य सचिव शशि यादव, राज्य अध्यक्ष सरोज चैबे, ऐक्टू नेता रणविजय कुमार, समता राय, आइसा नेता विकास यादव, आकाश कश्यप, कार्तिक पासवान, माले नेता मुर्तजा अली, इनौस नेता सुधीर कुमार, विनय कुमार, कर्मचारी नेता प्रेमचंद सिन्हा आदि नेताओं ने की. कार्यक्रम का आयोजन में माले, अखिल भारतीय किसान महासभा, आइसा, इनौस के लोग शामिल थे.