रांची: जिस बच्चे को उसकी मां ने 9 महीने कोख में रखकर सींचा था. आशा वर्कर ने उसकी कीमत 58000 लगाई और वह भी एक मां के आंचल को उजाड़ कर दूसरे मां की झोली भरने के लिए. किडनैपिंग की इस घटना को ओडिशा के रहने वाले पारिवारिक गैंग ने आशा वर्कर के साथ मिलकर अंजाम दिया था. लेकिन रांची पुलिस की मुस्तैदी ने गैंग का पर्दाफाश कर 3 महिला सहित 4 आरोपियों को सलाखों के पीछे भेज दिया. साथ ही पुलिस ने 9 महीने के बच्चे को भी बरामद कर उसके परिवार को लौटा दिया है.


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रांची रेलवे स्टेशन से बच्चे की चोरी करने के मामले में पति, पत्नी और बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस गिरफ्त में आए अमित सनातन पाल, राधा साहू और टिक्की उर्फ सुनील शामिल है. ये सभी एक ही परिवार के है. इसके साथ ही आशा संस्था की वर्कर नुदरत जहां और सुहाना बेगम नामक महिला को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. नुदरत के कहने पर ही अमित और उसके परिवार ने बच्चे की चोरी की वारदात को अंजाम दिया था. वहीं सुहाना बेगम नामक महिला ने अमित के खाते में 58 हजार 500 रुपए ट्रांसफर किए थे.


दरअसल ये गिरोह टास्क मिलने के बाद एक्टिव होता था और छोटे उम्र के बच्चे की चोरी की वारदात को अंजाम देता था. इस बच्चे को बेंगलुरु में बेचा जाना था हालांकि पुलिस को इसकी भनक लग गई थी. जिसके बाद उन्हें ओडिशा से दबोचा गया. मामले की जानकारी देते हुए रांची एसएसपी ने बताया की आरपीएफ ने भी पुलिस को भरपूर सहयोग दिया. वही रांची पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और फिर इस केस के उद्भेदन के लिए एसआईटी का गठन किया गया. वहीं बच्चे की मिलने की खुशी माता पिता के चेहरे पर भी देखने को मिली. जिसे लेकर उन्होंने जहां पुलिस को धन्यवाद दिया तो वही दूसरी तरफ ये भी कहा कि किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा कोई खाने पीने की चीज सफर में कोई देता है तो उसे न लें. बहरहाल रांची स्टेशन पर ऐसे कई गिरोह एक्टिव है जो बच्चों की चोरी की वारदात को अंजाम देते है.


इनपुट- कामरान जलीली


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