शराबबंदी वाले राज्य में शराब खोज रही टीम पर तीरों की बौछार, उल्टे पांव भागी टीम
बिहार में शराबबंदी भले लागू हो लेकिन शराब माफिया को प्रशासन का खौफ कहां है एक तरफ प्रशासन की पहुंच से बचने के लिए और अवैध शराब का धंधा करने के लिए शराब माफिया नित नए जुगाड़ लगाते रहते हैं तो वहीं दूसरी तरफ जहरीली शराब को बेचने का सिलसिला पूरे प्रदेश में बढ़ा है.
कटिहार: बिहार में शराबबंदी भले लागू हो लेकिन शराब माफिया को प्रशासन का खौफ कहां है एक तरफ प्रशासन की पहुंच से बचने के लिए और अवैध शराब का धंधा करने के लिए शराब माफिया नित नए जुगाड़ लगाते रहते हैं तो वहीं दूसरी तरफ जहरीली शराब को बेचने का सिलसिला पूरे प्रदेश में बढ़ा है. आपको बता दें कि बिहार में शराबबंदी के बाद से अभी तक हजारों की संख्या में जहरीली शराब की वजह से लोगों की मौत हो चुकी है. शराब का सेवन और शराब का कारोबार करने के जुर्म में लाखों की संख्या में लोग जेल में बंद हैं और वहां जगहें कम पड़ रही हैं. वहीं आपको बता दें लगातार शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जा रही एक्साइज और पुलिस विभाग की टीम पर भी हमले की खबरें मिलती रहती हैं.
ऐसे में बिहार में एक बार फिर उत्पाद विभाग की टीम को हमले के बाद जान बचाकर भागना पड़ गया. अपराधियों द्वारा किए गए इस जानलेवा हमले में एक जमादार समेत उत्पाद विभाग के चार कर्मी बुरी तरह जख्मी हो गए. बता दें कि शराब बनाने वाले आदिवासियों के हमले के बाद टीम को जान बचाकर भागना पड़ा. टीम पर इन आदिवासियों ने तीर की बौछार कर दी. अब इसके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज की जा रही है.
बता दें कि कोढ़ा पुलिस स्टेशन के अंदर आने वाले कौलासी गांव को लेकर पुलिस को सूचना मिली की यहां के आदिवासी शराब बनाते हैं साथ ही इसका अवैध कारोबार किया जाता है. इसके बाद उत्पाद विभाग की टीम वहां छापेमारी के लिए पहुंची और कार्रवाई करने लगी इसी बीच आदिवासियों ने पूरी टीम पर तीर की बौछार कर दी. इस घटना में चार पुलिस कर्मी और एक जमादार बुरी तरह घायल हो गए.
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साथ ही अवैध शराब का काम करनेवालों ने विभाग की गाड़ी पर भी हमला कर दिया और उसे पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया. इन सभी घायल टीम के जवानों को इलाज के लिए कटिहार के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हालांकि पुलिस अब सभी आरोपियों के जल्द गिरफ्तारी और उन्हें जेल भेजने का दावा कर रही है, लेकिन सच यह है कि इन अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि उत्पाद विभाग की टीम को लगातार ऐसे कई हादसों से गुजरना पड़ रहा है और उनपर हमला आम सी बात हो गई है.
वहीं जिस गांव में यह घटना घटी वहां के लोगों का कहना है कि गांव में एक शादी समारोह चल रहा था जहां उत्पाद विभाग की टीम पहुंचकर महिलाओं के साथ मारपीट करने लगी. इसके बाद गांव वालों ने गुस्से में आकर उनपर हमला बोल दिया.