Manish Kashyap Case: बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई के फर्जी वीडियो वायरल करने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने मनीष कश्यप समेत तीन अन्य आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दी है. EOU ने मनीष कश्यप के अलावा राकेश रंजन कुमार सिंह, अनिल कुमार यादव और आदित्य कुमार चौरसिया को दोषी ठहराते हुए उन्हें नामजद किया है. इस मामले में एक अन्य आरोपित अनिल कुमार यादव फरार है, जिसकी गिरफ्तारी का प्रयास जारी है.


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आर्थिक अपराध इकाई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि अभियुक्तों ने फर्जी वीडियो वायरल कर विभिन्न समुदायों के बीच अफवाह पैदा करने और सौहार्द बिगाड़ने का कृत्य किया है. अभियुक्तों ने फर्जी कागजात बनाकर छल करने का भी काम किया है. चार्जशीट में कहा गया कि एक वीडियो और कुछ फोटो ऐसे थे, जिन्हें पटना के जक्कनपुर इलाके में शूट किया गया था. फिर उसे वायरल कर दिया गया था. ये काम सिर्फ तनाव पैदा करने के लिए किया गया था. इस फर्जी वीडियो में दिख रहे दो बिहारी मजदूरों का चार स्क्रीनशाट लेकर मनीष कश्यप ने कई गणमान्य लोगों को टैग कर ट्वीट किया था.


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चार्जशीट में कहा गया है कि अभियुक्तों द्वारा 6 मार्च को तमिलनाडु हिंसा से संबंधित फर्जी वीडियो बनाकर बीएनआर न्यूज हनी यूट्यूब चैनल, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर अपलोड किया गया था. इस फर्जी वीडियो के सहारे दोनों राज्यों के संबंधों को खराब करने की साजिश रची गई थी. यह साजिश समाज को तोड़ने वाली थी. इस केस में नामजद इनका चौथा साथी अनिल कुमार यादव अब भी फरार है. जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है.


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दरअसल, मार्च महीने में तमिलनाडु में रह रहे बिहारियों के साथ मारपीट और हिंसात्मक घटना को अंजाम दिए जाने की बात सामने आई थी. मनीष कश्यप ने वायरल वीडियो पर नीतीश सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की थी. 10 मार्च को हुए इस केस में IPC की धारा 153 / 153 (A) (b)/ 505 (1)(b)/153(A)(a)/505 (1) (C) / 467/468/ 471 /120 (B) के साथ ही IT एक्ट 2000 की धारा 66/66(d) का इस्तेमाल किया गया. मनीष पर बिहार और तमिलनाडु दोनों राज्यों में मुकदमे दर्ज किए गए थे. अभी मनीष कश्यप पर एनएसए एक्ट लगा हुआ है और वह तमिलनाडु के मदुरई जेल में बंद है.