Cyber Crime: अगर आप हुए हैं Cyber ठगी के शिकार? ये 4 अंकों का नंबर वापस दिलाएंगा रुपये, जानें पूरी प्रक्रिया
देश भर के साथ बिहार में भी साइबर की ठगी आम हो गई है. आए दिन किसी ना किसी के साथ साइबर की ठगी हो जा रही है. ऐसे में लोगों को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है. कई पीड़ित लोग तो ऐसे है जिनके साथ ठगी हो जाती है और उनको जानकारी तक नहीं है कि इसकी शिकायत किससे करें.
पटना: भारत के कदम जितनी तेजी से डिजिटल दुनिया की तरफ बढ़ रहे हैं ठीक उतनी तेजी से Cyber ठगी की घटना भी आम हो गई है. लोग जानकारी के अभाव में हैकर्स का शिकार हो रहे हैं. अगर किसी के साथ साइबर की ठगी होती है तो वो गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल का सेंट्रलाइज नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कर महज दो घंटे में अपने रुपये वापस अपने खाते में मंगवा सकता है. आइए जानें साइबर क्राइम के डायल नंबर 1930 से जुड़ी बातें...
ये 4 अंकों का नंबर आपके दिलवाएंगा रुपये
देश भर के साथ बिहार में भी साइबर की ठगी आम हो गई है. आए दिन किसी ना किसी के साथ साइबर की ठगी हो जा रही है. ऐसे में लोगों को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है. कई पीड़ित लोग तो ऐसे है जिनके साथ ठगी हो जाती है और उनको जानकारी तक नहीं है कि इसकी शिकायत किससे करें. ऐसे लोगों को जानकारी के लिए बता दें कि हैकर्स अगर उनके खाते से रुपये निकाल ले तो गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल का सेंट्रलाइज नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कर महज दो घंटे में अपने रुपये वापस अपने खाते में मंगवा सकता है.
जानें कैसे काम करता है यह नंबर
बता दें कि अगर किसी के साथ ठगी होती है तो पीड़ित को हेल्पलाइन नंबर डायल करना होता है. इसके बाद जब पीड़ित कॉल करता है तो उससे नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल में एक फॉर्मली कंप्लेंट दर्ज करने के लिए कहा जाता है. इस प्रकिया के बाद एक टिकट फाइनेंशियल इंटरमिडियरीज (FI) कंसर्न के साथ जेनरेट होता है. इसके बाद फ्रॉड ट्रांजैक्शन टिकट डेबिटेड (विक्टिम का बैंक अकाउंट) और क्रेडिटेड Fl (फ्रॉडस्टर का बैंक या वॉलेट) के डैशबोर्ड पर दिखता है. लोगों को जानकारी के लिए बता दें कि साइबर फ्रॉड होने की स्थिति में पीड़ित घटना की सारी जानकारी साइबर हेल्पलाइन नंबर पर दें.
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