छपरा: बिहार के छपरा जिले के मांझी थाना क्षेत्र के चेंफुल गांव से अगवा किए गए एक 7 वर्षीय बच्चे को बिहार पुलिस ने 10 घंटे में ही रिकवर कर लिया. हालांकि इस अपहरण को लेकर पुलिस की तरफ से जो खुलासा हुआ वह जानकर सभी के होश उड़ गए. दरअसल इस पूरे घटनाक्रम के बारे में जानें तो पता चलेगा कि कैसे एक बच्चे के अपहरण के बाद उसे दूसरे गिरोह के हाथ में सौंप दिया जाता है और पुलिस बच्चे को वहां से बरामद करती है तो वह मासूम बैग में बंद मिलता है. 


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बता दें कि छपरा के चेंफुल गांव के डॉ. रुस्तम अली का 7 वर्षीय पुत्र फरहान अली अपने घर के बाहर खेल रहा था. शनिवार को सुबह वहीं से उसका अपहरण हो गया. इसकी सूचना तत्काल मांझी थाने को दी गई इसके बाद वहां की पुलिस हरकत में आ गई. इसके बाद पुलिस ने अपना अनुसंधान शुरू किया और फिर 10 घंटे के भीतर छपरा से अपहृत उस बच्चे को अगमकुआं थाना क्षेत्र पटना से बरामद किया.  


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बता दें इस घटना को लेकर डॉ. रुस्तम अली  ने बताया कि उनका छोटा सा बेटा दरवाजे पर खेल रहा था तभी पड़ोस में रहनेवाले उसकी बहन के बेटे जीसान अली ने बहला फुसलाकर उसे स्कूटर पर बिठाया और लेकर फरार हो गया. वह उसे एकमा लेकर गया जहां पहले से ही पटना से दो अपहरणकर्ता पहुंचे हुए थे, उसने उसे उसके हवाले कर दिया. इसके बाद दोनों अपहरणकर्ता उस बच्चे को ऑटो पर बिठाकर वहां से ले गए. 


बता दें कि इस घटना में जब पुलिस ने जांच शुरू की तो सीसीटीवी से पता चला कि उसे जीसान अली लेकर गया हुआ है. इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई और जब जीसान से पूछताछ हुई तो उसने मासूम को वहीं छोड़ जाने की बात कही लेकिन जीसान उसे सीसीटीवी में एकमा की ओर ले जाता दिखा. हालांकि सख्ती के बाद भी जीसान कुछ भी बताने से इंकार करता रहा लेकिन पुलिस ने सख्ती से उससे पूछताछ शुरू कर दी. इधर पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस का भी सहारा लिया और इसके बाद बच्चे को पटना के अगमकुआं इलाके से बरामद किया गया.